Forest Rights Act - FRA: हिमालय नीति अभियान ने FRA 2006 के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन
- हिमालय नीति अभियान ने FRA 2006 के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु मुख्यमंत्री को सौंपा ज्ञापन
- वन अधिकार अधिनियम की अनदेखी से हजारों विस्थापित परिवार अधिकारों से वंचित;
- हिमाचल को राष्ट्रीय मॉडल बनाने का लक्ष्य
Himachaltoday.in
कुल्लू, हिमाचल प्रदेश। हिमालय नीति अभियान ने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को वन अधिकार अधिनियम (Forest Rights Act - FRA) 2006 के समग्र और प्रभावी कार्यान्वयन की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन कुल्लू जिले के बंजार स्थित सैंरोपा में आयोजित एक जनसुनवाई शिविर के दौरान सौंपा गया।
अभियान ने FRA को स्वतंत्र विशेषज्ञों की भागीदारी के साथ लागू करने पर जोर देते हुए कहा कि अधिनियम की मूल भावना के अनुरूप कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि दशकों से अपने अधिकारों से वंचित वन-निर्भर समुदायों को न्याय मिल सके।
ज्ञापन में बताया गया कि भाखड़ा, पोंग बांध और बीएसएल नहर जैसी विकास परियोजनाओं से विस्थापित हजारों परिवार पिछले 60 वर्षों से वन भूमि पर निवास कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी बस्तियों को कानूनी मान्यता नहीं मिली है। साथ ही नौटोर भूमि धारक, भूमिहीन वनवासी और गद्दी-गुर्जर जैसे पारंपरिक चरवाहा समुदाय भी व्यक्तिगत वन अधिकारों (IFR) से वंचित हैं।
*हिमालय नीति अभियान के समन्वयक श्री गुमान सिंह ने कहा,*
"यदि FRA को ईमानदारी से लागू किया जाए, तो हिमाचल प्रदेश देश में एक आदर्श राज्य बन सकता है। मुख्यमंत्री सुक्खू के नेतृत्व में यह संभव है।"
2002 में 1.67 लाख दावे किए गए थे जो आज तक लंबित हैं, यह दर्शाता है कि राज्य में FRA के क्रियान्वयन में गंभीर खामियां हैं।
अभियान ने सामुदायिक वन अधिकार (CFR) और सामुदायिक वन संसाधन अधिकार (CFRR) की भी मान्यता देने की मांग की। उनका मानना है कि इससे न केवल समुदाय सशक्त होंगे बल्कि वन संरक्षण और प्रबंधन में भी उनकी सक्रिय भूमिका सुनिश्चित होगी।
ज्ञापन में हिमाचल की समृद्ध वन परंपराओं—जैसे कि पवित्र उपवन (Sacred Groves), संयुक्त वन प्रबंधन (JFM) पहल, और कांगड़ा की वन सहकारी समितियों—का उल्लेख करते हुए इन परंपराओं को विधिसम्मत मान्यता देने की आवश्यकता बताई गई।
प्रमुख सुझावों में शामिल हैं:
* अंतर-विभागीय समन्वय सुनिश्चित करना
* ग्राम सभाओं को सशक्त बनाना
* तकनीकी सहायता हेतु वन विभाग की भागीदारी
* वन संरक्षण योजनाओं को स्थानीय संदर्भ में लागू करना
* नियमित व समर्पित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से क्षमता निर्माण...Report: Ansari
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