219 करोड़ की ततापानी-सलापड़ डबल लेन सड़क बनी दोघरी गांव की मुसीबत! अवैध मलबा फेंकने से रास्ते बंद, ग्रामीणों का फूटा गुस्सा
HimachalToday.in
सुंदरनगर/मंडी, 15 जुलाई।
राज्य सरकार की 219 करोड़ रुपये की ततापानी-सलापड़ डबल लेन सड़क परियोजना अब कई गंभीर आरोपों
और स्थानीय विवादों के घेरे में है।
दोघरी गांव के ग्रामीणों ने ठेकेदार पर
बिना अनुमति के पहाड़ों की कटिंग, खेतों
और रास्तों में मलबा फेंकने, तथा सरकारी और पंचायत संपत्तियों को क्षति पहुंचाने के आरोप लगाए हैं। गांव की आवाजाही बंद होने और कुल्हों के तबाह होने से ग्रामीणों में
भारी रोष है।
बिना मंजूरी की कटिंग, खेत और कुल्हें बर्बाद
ग्रामीण भगत राम, मोहन
लाल, बिमला देवी,
पूर्वू देवी, निशा
देवी और वार्ड सदस्य घनश्याम शर्मा ने लिखित रूप से
शिकायत दर्ज कराई है कि जोरदार तरीके से दोघरी के दायरे में सडक की कटिंग कर रही
मशीनों ने खूब आंतक मचाया है और लोगों की बात की अनदेक्षी करके विभाग के
अधिकारियों की जानकारी में कटिंग और इससे निकले भारी मात्रा में मलबा डंपिंग साइट
न होने की वजह से खेतों, रास्तों और पानी की कुल्हों में फेंका गया। प्रशासन ने मांग है
कि जल्द हस्तक्षेप कर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएं।
पंचायत द्वारा बनाए गए पक्के रास्ते भी नष्ट
इस दौरान डीपीएफ वन भूमि और कोलडैम किनारे की पहाड़ियों में भी बिना उचित अनुमति के कार्य किया गया। डंपिंग साइट न होने से निकाले गए मलबे को सीधे गांव के खेतों, रास्तों और पानी की कुल्हों में फेंक दिया गया, जिससे पंचायत द्वारा बनाए गए पक्के रास्ते भी नष्ट हो गए।
ठेकेदार से बात करने पर मिलती है धमकी!
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने विभाग या ठेकेदार से बात करने की कोशिश की, तो उन्हें धमकाया गया। लोग डर के माहौल में जी रहे हैं और प्रशासन से सुरक्षा और न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
पंचायत की कुल्हें और रास्ते तहस-नहस
ग्रामीणों का आरोप है कि पंचायत के खर्च से बनी पक्की कुल्हें और रास्ते, ठेकेदार की लापरवाही से जेसीबी से उखाड़ दिए गए हैं। मलबा फेंकने से लोगों को अब पैदल निकलना भी मुश्किल हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि जब विभाग और ठेकेदार से इस नुकसान के बारे में बातचीत की जाती है तो धमकाया जाता है। ग्रामीण डरे-सहमे हैं और प्रशासन से सुरक्षा और कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
फरवरी 2025 में ही मिली है सैद्धांतिक स्वीकृति
ततापानी सलापड शिमला के लिए डबल लेन सड़क
के निर्माण को सरकार ने 219 करोड़ की राशि वर्ष 2018. 19 में स्वीकृत की। लेकिन
सरकार ने इसके लिए सैद्धांतिक मंजूरी फरवरी 2025 में ही प्रदान की है।
अभी सडक निर्माण का काम नहीं हो पाया नियमानुसार पूरा
सडक निर्माण के लिए फंड मिलने पर हिमाचल
सरकार ने तेजी से कार्य शुरू किया। सलापड ततापानी शिमला सडक निर्माणप कार्य की
जिम्मेदारी तय की गई और कांगू में किराए के भवन पर इसके लिए सब डिविजनल कार्यालय
खोल कर श्रीगणेष किया गया। वर्तमान में लोक निर्माण विभाग ने खुद का भवन बना दिया
गया है। लेकिन अभी सडक निर्माण का काम नियमानुसार पूरा नहीं हो पाया है।
कहां और किस के आदेश से एडजस्ट किया हुआ खनन
दो साल पहले से ही ठेकेदार को कार्य ठेके पर दिया गया। ठेकेदार ने इस सडक के लिए खनन शुरू कर दिया। वन विभाग की औपचारिकताएं पूरी करने के दौरान डीपीएफ भूमि पर भी कटिंग की गई है। पहाडी के इस भाग में कोलडैम के किनारे पर कटिंग का कार्य किया गया है। कटिंग के दौरान निकाले गए खनन को ठेकेदार ने कहां और किस के आदेश से एडजस्ट किया हुआ है। इस पहलु की स्टेट ज्योलाजिस्ट से उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है। यह सड़क योजना वर्ष 2018-19 में मंजूर हुई थी लेकिन सरकार की सैद्धांतिक स्वीकृति केवल फरवरी 2025 में दी गई। इसके बावजूद, ठेकेदार ने दो साल पहले ही अवैध रूप से खनन और कटिंग कार्य शुरू कर दिया था।
ग्रामीणों
की मांगें:
- जब तक डंपिंग साइट सुनिश्चित न हो, सड़क
निर्माण पर रोक लगे।
- रास्तों और खेतों को हुए नुकसान की भरपाई की जाए।
- ठेकेदार और संबंधित विभागीय अधिकारियों के खिलाफ जांच और कानूनी कार्रवाई की जाए।
विभाग की सफाई: "निजी भूमि पर हो सकता है काम"
इस मामले में सलापड़ स्थित लोक
निर्माण विभाग के सहायक अभियंता ई. संजय शर्मा ने सफाई दी कि “विभाग की ओर से
सरकारी जमीन पर कोई खनन नहीं किया गया है। निजी भूमि पर हो सकता है, इसकी जानकारी नहीं
है। पिछले डेढ़ महीने से हर प्रकार के खनन पर रोक लगी हुई है।”
Read More:
यह भी पढें :- बिजली बोर्ड कर्मचारियों के शांतिपूर्ण विरोध पर प्रतिबंध असंवैधानिक: यूनियन अध्यक्ष कामेश्वर दत्त शर्मा
यह भी पढें :- सुंदरनगर की तमन्ना ने पास की GATE परीक्षा, IIT दिल्ली में पाया प्रवेश | बेटी ने रचा नया इतिहास
यह भी पढें :- बगस्याड से पैदल थुनाग पहुंचे मंत्री विक्रमादित्य, आपदा में टूटे लोगों का थामा हाथ
यह भी पढें :- आपदा में हिमाचल को छोड़ गए नेता! – हीरा पाल सिंह का JP नड्डा और सांसदों पर तगड़ा हमला
यह भी पढें :- Mandi Aapda: शरण गांव में मलबे से जूझी तनुजा बनीं मिसाल-42 मकान रेड ज़ोन में, 16 पूरी तरह ध्वस्त
यह भी पढें :- हिमाचल में जल-जंगल-जमीन पर मल्टीनेशनल कब्जा: विस्थापितों की अनदेखी, रोजगार से भी वंचित
यह भी पढें :- Shimla : क्या शिक्षा के मंदिर में शोषण का अड्डा बन रहे हैं स्कूल? शिमला में प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप