Shimla : क्या शिक्षा के मंदिर में शोषण का अड्डा बन रहे हैं स्कूल? शिमला में प्रिंसिपल पर गंभीर आरोप
HimachalToday.in
हिमाचल प्रदेश | विशेष रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश, जिसे देवभूमि कहा जाता है, आजकल वहां हो रही दुष्कर्म और मानसिक उत्पीड़न जैसी घटनाओं से शर्मसार होता जा रहा है। यह घटनाएं प्रदेश की संस्कृति और सामाजिक चेतना पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं।
हाल ही में, सुंदरनगर स्थित राजकीय जवाहरलाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज से स्थानांतरित होकर बिलासपुर के हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ रही एक छात्रा के साथ उसके ही शिक्षक द्वारा लगातार अनुचित व्यवहार और मानसिक प्रताड़ना की शिकायत सामने आई। शिकायत के आधार पर आरोपी शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है और मामला उच्च स्तरीय जांचाधीन है।
आपत्तिजनक तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेलिंग
इसी कड़ी में, शिमला जिले के ठियोग उपमंडल से एक और चिंताजनक मामला सामने आया है। एक निजी स्कूल की महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि स्कूल के प्रिंसिपल ने उसके साथ शारीरिक शोषण, आपत्तिजनक तस्वीरों के जरिए ब्लैकमेलिंग, और मानसिक उत्पीड़न किया।
पीड़िता का कहना है कि आरोपी ने उसे डराने-धमकाने के लिए उसकी निजता से जुड़ी तस्वीरों का दुरुपयोग किया और जब उसने विरोध किया तो शारीरिक हिंसा तक की गई।
पीड़िता ने दर्ज कराई पुलिस में शिकायत
महिला कर्मचारी ने हिम्मत जुटाकर शिमला पुलिस के पास अपनी आपबीती दर्ज कराई। उसकी शिकायत के अनुसार:
“स्कूल प्रिंसिपल ने मेरे साथ जबरदस्ती की, मेरी तस्वीरें खींचकर मुझे ब्लैकमेल किया और बार-बार मेरे साथ दुष्कर्म करता रहा। जब मैंने विरोध किया तो बेल्ट से मारा और 24 मई को मेरे कमरे में जबरन घुस आया।”
यह घटना न केवल एक महिला की निजता और सुरक्षा को चुनौती देती है, बल्कि शिक्षा संस्थानों की सुरक्षा व्यवस्था और नैतिकता पर भी सवाल उठाती है।
पुलिस कर रही गंभीरता से जांच
शिमला के पुलिस अधीक्षक संजय कुमार गांधी ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है और मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है। पुलिस ने पीड़िता के बयान दर्ज कर लिए हैं और जल्द ही आरोपी की गिरफ्तारी संभव है।
इन धाराओं में हुआ मामला दर्ज:
पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की कई धाराओं के तहत केस दर्ज किया है, जिनमें शामिल हैं:
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धारा 64 – बलात्कार
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धारा 74 – हमला करना
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धारा 79 – महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना
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धारा 126(2) – अवैध रूप से रोकना
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धारा 115(2) – जानबूझकर चोट पहुंचाना
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धारा 332(सी) – घर में जबरन घुसना
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धारा 351(2) – आपराधिक धमकी देना
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धारा 3(5) – साझा आपराधिक इरादे से अपराध करना
जांच जारी, समाज में गुस्सा
इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है। कई सामाजिक संगठनों ने इस कृत्य की निंदा करते हुए आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, शिक्षा विभाग से मांग की जा रही है कि ऐसे संस्थानों में सख्त निगरानी व्यवस्था लागू की जाए।
रक्षा और न्याय किया जाए सुनिश्चित
"सरकार और प्रशासन को चाहिए कि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करते हुए पीड़िता की गोपनीयता की रक्षा और न्याय सुनिश्चित किया जाए।""शैक्षणिक संस्थानों को ऐसी घटनाओं से बचाने के लिए सख्त आचार संहिता और निगरानी व्यवस्था जरूरी है।"
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