हिमाचल में जल-जंगल-जमीन पर मल्टीनेशनल कब्जा: विस्थापितों की अनदेखी, रोजगार से भी वंचित
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मंडी/बिलासपुर डेस्क | हिमाचल टुडे टीवी|
राजीव गांधी पंचायती राज संगठन व हिमाचल नशा निवारण समिति के सदस्य और पूर्व कांग्रेस प्रदेश सचिव ठाकुर हीरा पाल सिंह का कहना है कि: "जल, जंगल, जमीन हमारी — और मुनाफा इन चंद उद्योगपतियों का!"
उन्होंने कहा कि यह नारा अब धीरे-धीरे हिमाचल प्रदेश के विस्थापित गांवों की हकीकत बनता जा रहा है, जहां मल्टीनेशनल कंपनियों ने प्रोजेक्ट लगाने से पहले तो स्थानीय लोगों से वादे किए, लेकिन अब वही कंपनियां उन्हीं लोगों की अनदेखी कर रही हैं।
प्रमुख आरोप : कंपनियों पर गंभीर सवाल:
विशेष रूप से अदानी सीमेंट प्लांट, एनटीपीसी चरण-III, और अन्य मल्टीनेशनल कंपनियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि:
“इन कंपनियों को न सरकार का डर है, न जनता का। जमीन कौड़ियों के भाव में लेने के बाद अरबों रुपये कमा रही हैं, लेकिन स्थानीय जनता की आवाज पर कान नहीं धरा जा रहा।”
राजीव गांधी पंचायती राज संगठन व हिमाचल नशा निवारण समिति के सदस्य और पूर्व कांग्रेस प्रदेश सचिव ठाकुर हीरा पाल सिंह, जो स्वयं एक एनटीपीसी परियोजना से विस्थापित हैं, ने अदानी ग्रुप और अन्य प्राइवेट कंपनियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है:
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प्रोजेक्ट लगने के बाद कंपनियां पिक एंड चूज की नीति अपनाकर राजनीतिक आधार पर लोगों को चुनती हैं, और बाकियों को इग्नोर कर दिया जाता है।
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औद्योगिक प्रशिक्षण (इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग) व अप्रेंटिसशिप के लिए भी विस्थापितों के बच्चों को मौका नहीं दिया जाता।
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पर्यावरणीय प्रदूषण और जहरीले धुएं से स्थानीय लोग बीमार हो रहे हैं, लेकिन कंपनियां न इलाज कराती हैं, न जिम्मेदारी लेती हैं।
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स्थानीय नियुक्तियों में पारदर्शिता नहीं है, और ठेकेदारी प्रथा हावी है।
भविष्य में आंदोलन की चेतावनी:
ठाकुर हीरा पाल सिंह ने आंदोलन की चेतावनी कहा कि: “अगर इन कंपनियों का रवैया नहीं बदला, तो जनता के सहयोग से बहुत जल्द एक बड़ा जन आंदोलन खड़ा किया जाएगा। ये कंपनियां सिर्फ मुनाफा कमाने आई हैं, विकास का दावा सिर्फ दिखावा है।”
प्रबंधन और सरकार को चेतावनी:
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राजीव गांधी पंचायती राज संगठन ने स्पष्ट किया कि अब एचआर विभागों को जनता के प्रति जवाबदेह बनाना होगा।
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उन्होंने मांग की कि विस्थापितों को स्थायी रोजगार, उद्योग में प्रतिनिधित्व, और स्वास्थ्य व प्रशिक्षण सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं।
जनता की उपेक्षा, हनन नहीं किया जाएगा बर्दाश्त
उन्होंने कहा कि: हिमाचल प्रदेश में यदि जल-जंगल-जमीन की लड़ाई को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो यह आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक असंतुलन को जन्म देगा। उन्होंने कहा कि स्थानीय जनता की उपेक्षा, पर्यावरण की अनदेखी और रोजगार के अधिकार का हनन अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
ठाकुर हीरापाल सिंह, नशा निवारण कमेटी के सदस्य किए सम्मानित
इससे पहले जिला नशा निवारण कमेटी की बैठक में प्रशासन, पुलिस प्रशासन की ओर आयोजित की गई। बिलासपुर में हुई एनसीओआरडी कमेटी की अहम बैठक की अध्यक्षता एसपी बिलासपुर संदीप धवल ने की। वहीं, उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार ने विशेष रूप से शिरकत की। बैठक में हिमाचल सरकार की ओर से विशेष रूप से नियुक्त नशा निवारण कमेटी के सदस्य ठाकुर हीरापाल सिंह ने बतौर विशेष अतिथि शिरकत की। सर्व प्रथम सदस्य ठाकुर हीरापाल सिंह को डीसी राहुल कुमार व एसपी ने शाल टोपी भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार ने नशे के कारोबारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को लेकर पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं। बैठक में लिए निर्णय के अनुसार नशे के खिलाफ 10 जुलाई से सरकारी स्कूलों में जागरूकता अभियान कार्यक्रम शुरू होंगे। स्कूली बच्चों को नशे के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक किया जाएगा। साथ ही पंचायत स्तर पर युवाओं को भी जागरूक करने को लेकर विशेष कार्यक्रम होंगे। युवाओं से आग्रह है कि इन कार्यक्रमों में भाग लें।
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