बगस्याड से पैदल थुनाग पहुंचे मंत्री विक्रमादित्य, आपदा में टूटे लोगों का थामा हाथ
खड्ड को चैनलाइज करने की संभावनाओं की घोषणा
राहत कार्यों को युद्ध स्तर पर तेज़ किया गया
इनका दर्द शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता
250 सड़कें ध्वस्त, 14 पुल बह गए — 6 सिर्फ थुनाग में
जो बेघर हुए, उनके लिए किराया सहायता योजना शुरू
खच्चरों और पोर्टरों के सहारे पहुंचाई जा रही है राहत सामग्री
सियासत से ऊपर उठकर आई एकजुटता की तस्वीर
HimachalToday.in
मंडी, 5 जुलाई।
जब रास्ते बंद हो जाते हैं, तो सच्ची नेतृत्व की पहचान वहीं होती है — और यही मिसाल पेश की लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने, जो बगस्याड से पैदल चलते हुए खतरनाक लेहगला दर्रे को पार कर थुनाग पहुंचे। उद्देश्य एक ही था — आपदा में टूट चुके लोगों से सीधे मिलकर उनका दुःख बांटना।
थुनाग का सड़क संपर्क पिछले कई दिनों से पूरी तरह कट चुका है। भारी बारिश, बादल फटना और भूस्खलन ने इस क्षेत्र को टापू बना दिया है। लेकिन विक्रमादित्य सिंह ने सरकार की संवेदनशीलता का परिचय देते हुए स्वयं जोखिम उठाकर लोगों से सीधा संवाद किया।
इनका दर्द शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता
थुनाग पहुंचकर उन्होंने कहा —
"यहां के लोगों ने जो सहा है, वह दिल दहला देने वाला है। उनकी आंखों में जो खालीपन है, वह हमारी जिम्मेदारी का आईना है। सरकार उन्हें फिर से खड़ा करेगी — हर हाल में।"
उन्होंने यह भी कहा कि थुनाग से बहने वाली खड्ड को चैनलाइज करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी ताकि ऐसी त्रासदियों से भविष्य में जन व संपत्ति की रक्षा की जा सके।
250 सड़कें ध्वस्त, 14 पुल बह गए — 6 सिर्फ थुनाग में
विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि मंडी जिले में करीब 250 सड़कें और 14 पुल आपदा में क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, जिनमें से 6 पुल थुनाग उपमंडल में हैं। प्रभावित इलाकों को बगस्याड और करसोग से जोड़ने के लिए युद्ध स्तर पर सड़क निर्माण कार्य चल रहा है।
विशेष रूप से, बाघा-पंगलियूर के मध्य वैली ब्रिज का निर्माण जल्द शुरू किया जाएगा। गवाड़ पंचायत के चड्डा नाला, पीहण और फगवार की सड़कों को लोक निर्माण विभाग के अधीन लाया जाएगा।
जो बेघर हुए, उनके लिए किराया सहायता योजना शुरू
मंत्री ने इस भीषण आपदा में घर खोने वाले परिवारों को 5000 रुपये प्रति माह की किराया सहायता देने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि राहत केवल आर्थिक नहीं, मानवता और विश्वास का पुनर्निर्माण भी है।
खच्चरों और पोर्टरों के सहारे पहुंचाई जा रही है राहत सामग्री
जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री के निर्देश पर हेलीकाॅप्टर, छोटे वाहन, खच्चर, गृह रक्षक और पोर्टरों के माध्यम से हर गांव तक खाद्य सामग्री, दवाइयाँ, और चिकित्सा टीम पहुंचाने की मुहिम चलाई है।
दुख की घड़ी में मिला सहारा: परिजनों को खोने वालों से की मुलाकात
विक्रमादित्य सिंह ने दाण, गोहर, टिल्ली, बागा, स्यांज, पंगलियूर और सकोली खड्ड जैसे क्षेत्रों का दौरा कर उन परिवारों से मुलाकात की, जिन्होंने इस आपदा में अपने प्रियजनों को खो दिया। उनका हाथ थामते हुए उन्होंने कहा —
"आप अकेले नहीं हैं। सरकार आपके साथ है। यह वादा नहीं, जिम्मेदारी है।"
सियासत से ऊपर उठकर आई एकजुटता की तस्वीर
इस दौरे के दौरान नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर, पूर्व प्रत्याशी नरेश चौहान, उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन, और विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे। यह दृश्य दिखाता है कि जब प्रकृति क्रोधित हो, तो हिमाचल एकजुट होकर जवाब देता है।
Read More:
यह भी पढें :- हमीरपुर के देहरा में राजीवगांधी पंचायती राज संगठन की बैठक, संगठन विस्तार और मजबूती पर ज़ोर
यह भी पढें :- Mandi News: सुंदरनगर में 35 करोड़ की वाटर ट्रीटमेंट योजना फेल: कीचड़ में बहा जनता का टैक्स मनी?
यह भी पढें :- Himachal Heavy Rain Alert: बाढ़, लैंडस्लाइड...मॉनसून फिर दिखाएगा तेवर, हिमाचल में 'हेवी टू वेरी हेवी' बारिश की चेतावनी
यह भी पढें :- Himachal Industrial Trade Expo-2025: हिमाचल की ‘हस्तशिल्प’ नीति या युवाओं के भविष्य के साथ मज़ाक?
यह भी पढें :- Himachal Dental Collage: हिमाचल डेंटल कॉलेज का भव्य वार्षिकोत्सव सम्पन्न: शिक्षा, सेवा और संस्कार का अनूठा संगम
यह भी पढें :- जर्मनी में लापता हुआ हिमाचल का बेटा आर्यन चंदेल, भारत सरकार से मदद की गुहार
यह भी पढें :- Mandi News: सुंदरनगर के भीम सिंह बने श्रीलंका ट्रेनिंग कोर्स के सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु, भारतीय सेना को दिलाया गौरव