सराज व थुनाग में राहत कार्य तेज, डॉ. शांडिल बोले- हर आपदा पीड़ित के साथ खड़ी है सरकार
HimachalToday.in
मंडी, 14 जुलाई। हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनीराम शांडिल ने आज मंडी जिला के सराज विधानसभा क्षेत्र के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जमीनी स्तर पर जायजा लिया। उन्होंने प्रभावित परिवारों से भेंट कर उनका दुख साझा किया और भरोसा दिलाया कि प्रदेश सरकार संकट की इस घड़ी में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
मुख्यमंत्री के संवेदनशील नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने उठाए प्रभावी कदम
डॉ. शांडिल ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से सराज क्षेत्र में भारी जन-धन की हानि हुई है। मकान, सड़कें, खेत और पशुधन नष्ट हुए हैं। ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने त्वरित और संवेदनशील निर्णय लिए हैं। राज्य सरकार की ओर से सराज क्षेत्र को सात करोड़ रुपए तुरंत प्रभाव से जारी किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि
साढ़े पांच हजार को बांटी आवश्यक दवाइयां
प्रभावितों से मिले, हरसंभव मदद की जताई प्रतिबद्धता
बेघर हुए परिवारों को गृह निर्माण के लिए सात लाख रुपए
आपदा में बेघर हुए परिवारों को गृह निर्माण के लिए सात लाख रुपए तथा छह माह तक मकान किराए के रूप में पांच हजार रुपए प्रतिमाह प्रदान किए जाएंगे। जिन घरों में गाद भरी है, बड़े पत्थर आ गए हैं या जो अब असुरक्षित हैं, उन्हें पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त श्रेणी में डालने पर सरकार विचार कर रही है, ताकि प्रभावितों को अधिक से अधिक मुआवजा मिल सके। क्षतिग्रस्त घरों के सामान और पशुधन का मुआवजा भी प्रदेश सरकार देगी।
नुकसान का आकलन करें राजस्व अधिकारी
उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारियों को सभी प्रकार के नुकसान का आकलन करने के निर्देश दिए गए हैं। फूलों की खेती और सेब बागवानी को हुए नुकसान का आकलन किया जाएगा। राज्य सरकार आपदा प्रभावितों को फिर से बसाने के लिए वन टाइम पॉलिसी लाने पर विचार करेगी।
स्वास्थ्य विभाग को भी बड़े स्तर पर पहुंचा नुकसान
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग को भी बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचा है। आपदा के उपरांत दुर्गम क्षेत्रों तक बुनियादी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए विभाग निरंतर प्रयासरत है। अभी तक सराज के आपदा प्रभावित थुनाग व जंजैहली क्षेत्रों में 13,353 से अधिक लोगों की स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित की गई है। इसके अतिरिक्त 5527 रोगियों को घर-गांव में आवश्यक दवाइयां उपलब्ध करवाई गई हैं। उन्होंने कहा कि आपातकालीन एवं गंभीर बीमारी से ग्रस्त रोगियों के लिए प्रचुर मात्रा में दवाइयों का भंडारण किया गया है। चिकित्सा अधिकारी जंजैहली, बगस्याड व करसोग के लिए तीन आपातकालीन चिकित्सा किट, 62 बॉक्स दवाइयों व इंजेक्शन के भेजे गए हैं।
जलजनित रोगों से बचाव के लिए घर-घर जाकर जनजागरूकता
उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को क्लोरीन की गोलियां वितरित करने के साथ ही इनके समुचित उपयोग पर भी जानकारी प्रदान की जा रही है। ओआरएस के पैकेट भी बांटे जा रहे हैं तथा जलजनित रोगों से बचाव के लिए घर-घर जाकर जनजागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से बगस्याड क्षेत्र में जन्म प्रतिक्षा गृह स्थापित किया गया है जो कि प्रसव पूर्व मातृत्व संबंधी मामलों तथा सुरक्षित प्रसव में उपयोगी भूमिका निभा रहा है। सड़क सम्पर्क से वंचित क्षेत्रों में घर-घर जाकर स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। जरूरतमंद रोगियों एवं गर्भवती महिलाओं को मेडिकल कॉलेज नेरचौक तथा क्षेत्रीय अस्पताल मंडी तक सुरक्षित पहुंचाया गया है।
क्षतिग्रत 241 पेयजल योजनाओं में से 167 पेयजल योजनाओं को अस्थायी तौर पर चालू
उन्होंने कहा कि सड़क, बिजली, पेयजल सहित सभी आवश्यक सेवाएं बहाल करने के लिए भी युद्ध स्तर पर कार्य जारी है। थुनाग मंडल के अन्तर्गत जल शक्ति विभाग की बुरी तरह से क्षतिग्रत 241 पेयजल योजनाओं में से 167 पेयजल योजनाओं को अस्थायी तौर पर चालू कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त 339 हैण्डपम्प क्रियाशील कर लोगों को पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। इस अवसर पर कांग्रेस नेता जगदीश रेड्डी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के उप महाप्रबंधक डॉ. गोपाल बेरी सहित राहत एवं पुनर्वास कार्यों से जुड़े विभिन्न विभागीय उच्चाधिकारी उपस्थित थे। Read More:
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