बिजली बोर्ड कर्मचारियों के शांतिपूर्ण विरोध पर प्रतिबंध असंवैधानिक: यूनियन अध्यक्ष कामेश्वर दत्त शर्मा
मंडी / शिमला, 15 जुलाई
2025।
हिमाचल प्रदेश स्टेट इलैक्ट्रिसिटी
बोर्ड इम्प्लाइज यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष
कामेश्वर दत्त शर्मा ने बोर्ड प्रबंधन द्वारा बोर्ड कार्यालय परिसरों में शांतिपूर्ण प्रदर्शनों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के आदेश को
असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक
और कर्मचारियों के अधिकारों का खुला उल्लंघन बताया है।
"यह आदेश गैरकानूनी है और इससे
लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन हो रहा है,"
उन्होंने कहा।
लेकिन प्रबंधन की ओर से न तो कोई संवाद
स्थापित किया गया है और न ही औपचारिक वार्ता के लिए बुलाया गया है। इससे
कर्मचारियों में जबरदस्त निराशा और आक्रोश
है।
"हमने अभी तक संयम रखा है, जिला पंचायत स्तर पर
ही विरोध किया गया है, लेकिन अब कर्मचारी खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं," उन्होंने
जोड़ा।
उन्होंने चेताया कि यदि ऐसा नहीं हुआ, तो विरोध प्रदर्शन बोर्ड कार्यालय परिसर के भीतर ही शुरू होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी बोर्ड प्रशासन की होगी।
संविधान के अनुच्छेद 19 (1) का उल्लंघन
उन्होंने स्पष्ट किया कि यह आदेश भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1) में दिए गए मौलिक अधिकारों की सीधी अवहेलना है, जिसमें नागरिकों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता,
शांतिपूर्ण सभा करने और संगठित रूप से विरोध करने का अधिकार है।
पांच माह से जारी आंदोलन, अब उबलता गुस्सा
कामेश्वर शर्मा ने बताया कि बिजली
कर्मचारी, अभियंता और पेंशनर्स
पिछले पाँच महीनों से वेतन पुनर्गठन, पदोन्नति, पेंशनभुगतान और बिजली बोर्ड के
संविधानिक अस्तित्व की रक्षा जैसे मुद्दों पर आंदोलनरत हैं।
"तानाशाही रवैये से कर्मचारी मजबूर होंगे सख्त कदम उठाने को"
यूनियन अध्यक्ष ने कहा कि प्रबंधन का यह
रवैया कर्मचारियों को कार्यालय परिसर में ही सीधा प्रदर्शन करने के
लिए मजबूर कर रहा है।
प्रशासनिक आदेश की निंदा, लोकतंत्र की नींव को खतरा
कामेश्वर शर्मा ने कहा:
“प्रदर्शन पर लगाया गया पूर्ण प्रतिबंध केवल असहमति को दबाने की
कोशिश है। यह न केवल कर्मचारियों की आवाज़ को कमजोर करता है, बल्कि लोकतंत्र की नींव पर भी हमला करता है।”
यूनियन की मांग: आदेश हो रद्द, संवाद हो बहाल
यूनियन ने मांग की है कि प्रबंधन इस मनमाने और असंवैधानिक प्रतिबंध को तुरंत प्रभाव से रद्द करे और कर्मचारियों के साथ संवाद की प्रक्रिया शुरू करे। यूनियन अध्यक्ष ने अंत में कहा कि बिजली बोर्ड का भविष्य कर्मचारियों और प्रबंधन के आपसी सहयोग और संवाद पर निर्भर करता है। उन्होंने मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से हस्तक्षेप की अपील की है ताकि हालात नियंत्रण में रह सकें। Read More:
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