’सुंदरनगर भाजपा ने कैंडल मार्च निकाल कर की विमल नेगी मामले में सीबीआई जांच की मांग’
- Negi Kand; विमल नेगी की रहस्यमय मृत्यु की निष्पक्ष जांच की मांग
- कैंडल मार्च निकालकर विमल नेगी को श्रद्धांजलि दी
- Negi Kand की जांच को सीबीआई को सौंपा जाए
- पीड़ित परिवार को न्याय और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई
- परिवार की मांग के साथ नहीं दिखाई दे रही सरकार
Himachaltoday.in
भाजपा संगठनात्मक जिला सुंदरनगर की ओर से राज्य ऊर्जा निगम के महाप्रबंधक Negi Kand विमल नेगी की रहस्यमय मृत्यु की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए प्रदेश सरकार से इस मामले को सीबीआई को सौंपने का आग्रह किया गया है। भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस संदर्भ में कैंडल मार्च निकालकर विमल नेगी को श्रद्धांजलि दी।विधायक राकेश जम्वाल, विनोद कुमार व दलीप ठाकुर के साथ साथ मंडलों के अध्यक्ष, पार्षद व पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
Negi Kand पर विधायक राकेश जम्वाल ने कहा कि इस मामले में निगम निदेशक देशराज और पूर्व प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा के बयान दर्ज करने में लगातार अड़चन आ रही है। देशराज के फरार होने की आशंका है, जबकि हरिकेश मीणा बार-बार अवकाश पर चले जाते हैं। वहीं, विमल नेगी की पत्नी और परिवार के बयान पहले ही दर्ज किए जा चुके हैं, लेकिन अब तक की Negi Kand जांच में केवल दबाव की बात ही सामने आई है। छह महीनों के भीतर विमल नेगी द्वारा अनुमोदित सभी फाइलों की समीक्षा की जा रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि यदि पुलिस इस मामले की निष्पक्ष जांच में असमर्थ है तो इसे सीबीआई को सौंपा जाए, जो भाजपा की लगातार मांग रही है।
भाजपा विधायक विनोद ने कहा कि पुलिस को अब तक इस मामले में कोई बड़ी सफलता नहीं मिली है। एफआईआर में केवल निगम निदेशक देशराज का नाम शामिल किया गया है, जबकि नेगी की पत्नी ने अपनी शिकायत में कॉरपोरेशन के दो अन्य अधिकारियों को भी नामजद किया था। देशराज की अग्रिम जमानत याचिका उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किए जाने के बावजूद, पुलिस अभी तक उन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई है। चर्चा है कि वे अब सर्वोच्च न्यायालय में जमानत के लिए याचिका दायर कर सकते हैं। यह स्पष्ट संकेत है कि प्रदेश सरकार इस मामले की जांच को गंभीरता से नहीं ले रही है, इसलिए इसकी जिम्मेदारी सीबीआई को दी जानी चाहिए।
उच्च न्यायालय द्वारा देशराज की अग्रिम जमानत याचिका खारिज
भाजपा विधायक दलीप ठाकुर ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा देशराज की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के बावजूद, पुलिस का अब तक उन तक न पहुंच पाना कई सवाल खड़े करता है। यह संदेह उत्पन्न करता है कि कहीं न कहीं इस मामले में जांच को प्रभावित किया जा रहा है।
पीड़ित परिवार को न्याय और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई
भाजपा संगठनात्मक जिला सुंदरनगर मांग करता है कि विमल नेगी मामले की जांच को सीबीआई को सौंपा जाए, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
परिवार की मांग के साथ नहीं दिखाई दे रही सरकार
विमल नेगी मामले की जांच में संदेह के कारण सुखविंदर सिंह सुक्खू पर मामले में गंभीरता से नहीं लेने के आरोप लगने लगे है। मजबूर लोगों की मदद के दावे करने वाली सरकार में परिवार की मांग के साथ नहीं दिखाई दे रही है। हैरानी का पहलु है कि इतने बडे पद पर तैनात किए गए अधिकारी की हालत यह रही कि उन्हे यह कदम उठाना पड गया। इससे प्रदेश के अन्य विभागों की हालत पर भी ऐसे मामले हाने की आशंका बढ गई है।
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