YogaDay2025- एक दिन का योग... और सरकारी तंत्र ने मान लिया कि सेहत सुधर जाएगी!
+ सरकारी ऑफिस योगा ड्रामा
+ योग दिवस दिखावा बन गया
+ एक दिन की सेहत बनाम सालभर की बीमारी
+ योगा डे सेल्फी मोड
+ सरकारी कर्मचारियों का योग उत्सव
HimachalToday.in
सुंदरनगर/मंडी (हिमाचल प्रदेश), 21 जून 2025।
सरकारी दफ्तरों में काम ठप, कर्मचारी योगा मैट बिछाकर सेल्फी मोड में, और कैमरे ऑन। ये दृश्य आज प्रदेश भर के सरकारी संस्थानों में आम रहा – क्योंकि आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या एक दिन का योग उत्सव, सालभर की सेहत का भरोसा बन सकता है?
YogaDay2025- काम छोड़कर योगा – सेहत या दिखावा?
सरकारी विभागों से लेकर शैक्षणिक संस्थानों तक, सबने आज अपने “ड्यूटी रूटीन” से विराम लेकर योग की शरण ली। लेकिन ज़मीनी हकीकत ये है कि कई जगहों पर कर्मचारियों ने योग के नाम पर केवल “फोटोशूट और उपस्थिति” पूरी की।
लोगों का कहना है – “जब अस्पतालों में डॉक्टर नहीं, स्कूलों में शिक्षक नहीं, और विभागों में फाइलें महीनों से धूल खा रही हैं, तब ये एक दिन का योग किस काम का?”
सरकार को आत्ममंथन की ज़रूरत
YogaDay2025- विशेषज्ञों का मानना है कि योग का उद्देश्य दिखावा नहीं, जीवनशैली में स्थायी बदलाव है। यदि सच में सरकार सेहत को प्राथमिकता देना चाहती है तो ज़मीनी स्तर पर स्कूलों, कॉलेजों, पंचायतों और स्वास्थ्य केंद्रों में नियमित योग सत्रों की व्यवस्था करनी चाहिए – न कि केवल साल में एक दिन की रस्म।YogaDay2025- सेहत कम, सोशल मीडिया प्रचार ज़्यादा
YogaDay2025-योग दिवस पर कई अफसरों ने “योग विद ब्लेज़र” करते हुए तस्वीरें साझा कीं, जिनमें से ज़्यादातर को शायद सूर्य नमस्कार का सही क्रम भी नहीं मालूम। लेकिन फेसबुक और इंस्टाग्राम पर #FitIndia और #YogaDay2025 हैशटैग ज़रूर ट्रेंड करने लगे।
जनता बोली – "योग करो लेकिन काम मत भूलो!"
YogaDay2025- स्थानीय निवासी राम लाल शर्मा का कहना है –
“योग अच्छा है, लेकिन हमारी सड़कों के गड्ढे, अस्पतालों में दवा की कमी, और स्कूलों में शिक्षकों की अनुपस्थिति पर भी ध्यान दो। "सिर्फ योगा-योगा करने से पेट नहीं भरता।"... Report --Ansari.Mandi
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