सुंदरनगर में सरदार पटेल यूनिवर्सिटी भवन को निजी कॉलेज को सौंपने पर विवाद, NSUI ने जताया विरोध
सुंदरनगर (मंडी), 29 मई ।
सरदार पटेल यूनिवर्सिटी (एसपीयू) सुंदरनगर के भवन को लेकर शिक्षा जगत में एक नया विवाद खड़ा हो गया है। एनएसयूआई (राष्ट्रीय छात्र संघ) ने स्पष्ट रूप से ऐलान किया है कि वह इस भवन को निजी क्षेत्र के एमएलएसएम कॉलेज को सौंपने के किसी भी प्रयास का विरोध करेगा।
एनएसयूआई नेताओं ने सरकार से मांग की है कि एसपीयू के इस भवन को एक पूर्ण कैंपस के रूप में विकसित किया जाए, न कि निजी संस्थानों को हस्तांतरित किया जाए। संगठन का कहना है कि यह भवन कई वर्षों से खाली पड़ा है, और इसकी उपयोगिता को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
एनएसयूआई के प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे पर पूर्व मुख्य संसदीय सचिव एवं सुंदरनगर के पूर्व विधायक सोहनलाल ठाकुर को एक ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन में मांग की गई है कि इस भवन में सरकारी स्तर पर नए शैक्षणिक कोर्सेज शुरू किए जाएं ताकि क्षेत्र के छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए अन्य जिलों या राज्यों में न जाना पड़े।
छात्र संगठन का यह भी कहना है कि:
“सरदार पटेल यूनिवर्सिटी का यह भवन सुंदरनगर की शिक्षा संरचना में एक मजबूत स्तंभ हो सकता है, यदि इसे सरकारी उद्देश्यों के लिए सुरक्षित रखा जाए। इसे निजी कॉलेज को देना शिक्षा की मूल भावना के विपरीत है।”
एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि सरकार पर निजी कॉलेज को भवन सौंपने का दबाव बनाया जा रहा है, जो पूरी तरह अनुचित है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने इस दिशा में कोई कदम उठाया, तो क्षेत्र में छात्र आंदोलन की चिंगारी भड़क सकती है।
वक्ताओं ने यह भी कहा कि यदि एमएलएसएम कॉलेज को भवन सौंपा गया तो यह शैक्षणिक संसाधनों के निजीकरण का एक और उदाहरण होगा, जिससे आम छात्र वर्ग को नुकसान होगा।
एनएसयूआई की यह मांग अब राजनीतिक हलकों में भी चर्चा का विषय बन चुकी है। देखने वाली बात होगी कि हिमाचल प्रदेश सरकार इस विवादित मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है – सरकारी शिक्षा प्रणाली को मजबूती या निजीकरण की ओर एक और कदम?
एनएसयूआई जिला मंडी इकाई के कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर विरोध दर्ज कराया है।
पूर्व जिला उपाध्यक्ष अनित जसवाल की अध्यक्षता में एनएसयूआई प्रतिनिधिमंडल ने सुंदरनगर के पूर्व विधायक एवं पूर्व मुख्य संसदीय सचिव सोहन लाल ठाकुर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में यूनिवर्सिटी कैंपस को सुंदरनगर से शिफ्ट न करने और इसे यहीं पर सुचारु रूप से चलाने हेतु वैकल्पिक भवन उपलब्ध करवाने की मांग प्रमुखता से उठाई गई।
अनित जसवाल ने कहा:
"यदि यह कैंपस सुंदरनगर से हटाया जाता है तो यह न केवल छात्र वर्ग के साथ अन्याय होगा बल्कि पूरे क्षेत्र के शैक्षणिक भविष्य पर आघात होगा। इससे छात्रों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित होना पड़ेगा।"
उन्होंने आगे कहा कि सुंदरनगर एक स्थापित शिक्षा केंद्र होने के बावजूद आज भी यहां एम.ए., एमबीए, या एमसीए जैसी उच्च शिक्षा की कक्षाएं संचालित नहीं हो रही हैं। ऐसे में यदि इस कैंपस को मजबूती प्रदान की जाए, तो न केवल ये कोर्स शुरू किए जा सकते हैं बल्कि क्षेत्रीय शिक्षा का स्तर भी ऊंचा उठेगा।
एनएसयूआई ने स्पष्ट किया कि यदि सरकार ने छात्रहित की अनदेखी करते हुए कैंपस को अन्यत्र स्थानांतरित किया, तो संगठन उग्र आंदोलन की राह भी अपना सकता है। साथ ही उन्होंने बुद्धिजीवी वर्ग एवं छात्र शक्ति से भी इस मुद्दे पर एकजुट होने की अपील की।
पूर्व मुख्य संसदीय सचिव सोहन लाल ठाकुर ने प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि:
"सरदार पटेल यूनिवर्सिटी के सुंदरनगर कैंपस को शिफ्ट नहीं किया जाएगा और जल्द ही इसके लिए वैकल्पिक भवन की व्यवस्था की जाएगी।"
इस अवसर पर पूर्व कैंपस महासचिव कर्ण सिंह, मोहित कुमार, जुबेर अख्तर, हर्ष कुमार, साहिल सहित कई एनएसयूआई कार्यकर्ता मौजूद रहे और एकजुट स्वर में कहा कि छात्रहित सर्वोपरि है और वे इसके लिए हर स्तर पर संघर्ष करने को तैयार हैं।
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