नशे में डूबता हिमाचल: अब महिलाएं और किशोर भी बने निशाना, कब्रिस्तान-श्मशान तक बना अड्डा!

 
नशे में डूबता हिमाचल: अब महिलाएं और किशोर भी बने निशाना, कब्रिस्तान-श्मशान तक बना अड्डा!

नशे में डूबता हिमाचल: अब महिलाएं और किशोर भी बने निशाना,     कब्रिस्तान-श्मशान तक बना अड्डा!

HimachalToday.in 
सुंदरनगर, 17 जुलाई।
हिमाचल प्रदेश में नशे का जहर अब केवल युवाओं तक सीमित नहीं रह गया — महिलाएं और किशोर भी इसकी गिरफ्त में आ चुके हैं। यह चौंकाने वाला खुलासा किया है नशा निवारण कमेटी के राज्य सदस्य एवं राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश सह-संयोजक हीरापाल सिंह ठाकुर ने। उन्होंने सुंदरनगर में नशा निवारण पर आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश में नशा अब सामाजिक नहीं, बल्कि प्रशासनिक विफलता का प्रतीक बन चुका है।

नशा अब घर-घर में... और जिम्मेदार कौन?

हीरापाल ठाकुर ने कहा कि सुंदरनगर, बिलासपुर, सोलन, शिमला सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में अब स्कूल-going बच्चे, महिलाएं तक "चिट्टे" जैसे जानलेवा नशे की गिरफ्त में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस और प्रशासनिक तंत्र की मिलीभगत के बिना यह संभव ही नहीं था कि नशीले पदार्थ कब्रिस्तान और श्मशानों तक में बेधड़क इस्तेमाल हो रहे हैं।

सीएम सुक्खू ने किया है राय नशा निवारण कमेटी का गठन 

बता दें कि प्रदेश में नशीले पदार्थ के बढते मामलों और खासकर जानलेवा नशा चिटटे के मामलों को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य स्तरीय नशा निवारण कमेटी का गठन किया है। कमेटी के सदस्य मनोनीत किए गए है। यह सदस्य जिला और खंड स्तर पर अपनी टीम का गठन करेंगे। ताकि प्रदेश में फैली नशीले पदार्थों की जडों, इसके कारोबार और इसमें संलिप्त गैर सरकारी और सरकारी लोगों का पता भी लगा सके जो सिस्टम को खोखला करने वालों ी पहचान के साथ प्रदेश के भविष्य नई पीढी को बर्वाद करने से सुरक्षित बचाय जा सके।   

यह सिर्फ नशा नहीं, पूरे सिस्टम की पोल खोलता षड्यंत्र

उन्होंने कहा,

 "यह सिर्फ नशा नहीं, पूरे सिस्टम की पोल खोलता षड्यंत्र है, जिसमें बड़े अधिकारी और रसूखदार लोग भी शामिल हो सकते हैं।"

 नशा विरोध पर सरकार की चुप्पी भी सवालों के घेरे में

राज्य नशा निवारण समिति अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से इस विषय पर सीधी बात करेगी और मांग करेगी कि नशा बेचने वालों और उन्हें संरक्षण देने वालों की पहचान सार्वजनिक की जाए। साथ ही यह मांग भी की गई कि इस विषय में सख़्त कानून बनाकर स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाए।

 समाधान की पहल, पर ज़िम्मेदारी सबकी

हीरापाल ठाकुर ने कहा कि नशे से लड़ाई सिर्फ सरकार की नहीं, हर माता-पिता, हर शिक्षक और हर पंचायत की भी है। उन्होंने कहा कि बच्चों को सुधारने का मौका देना चाहिए, लेकिन जो नशा बेचते हैं उनके लिए कोई रहम नहीं होना चाहिए। Read More: 

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