जय हिंद सभा के दौरान सीएम सुक्खू ने केंद्र सरकार पर उठे सवाल
+सेना को बिना विश्वास में लिए युद्धविराम दुखद
+शिमला में जय हिंद सभा के दौरान सीएम सुक्खू ने ऑपरेशन सिंदूर में सेना को बिना विश्वास में लिए युद्धविराम की आलोचना की। कहा, पीएम मोदी का फैसला इंदिरा गांधी की नीति के विपरीत और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता है।
(HimachaltodayTv), 31 मई : ऑपरेशन सिंदूर पर केंद्र सरकार की भूमिका को लेकर हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को एक बड़ा बयान देकर राजनीतिक भूचाल खड़ा कर दिया है। शिमला में आयोजित "जय हिंद सभा" में बोलते हुए सुक्खू ने आरोप लगाया कि सरकार ने तीनों सशस्त्र बलों को विश्वास में लिए बिना ही युद्धविराम की घोषणा कर दी, जो न केवल दुखद है बल्कि देश की सैन्य मर्यादा और राष्ट्रीय गरिमा पर प्रश्नचिन्ह है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि:
"ऑपरेशन सिंदूर में हमारी सेना ने आतंकवादियों और पाकिस्तान को करारा जवाब दिया, लेकिन युद्धविराम का ऐलान एक तीसरे देश के माध्यम से सोशल मीडिया पर आया — यह भारत की सैन्य संप्रभुता के लिए एक कठिन क्षण था।"
शहीदों को किया गया सम्मानित
कार्यक्रम में 1962, 1965, 1971, कारगिल और ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए हिमाचल के वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी गई और उनके परिजनों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर जय हिंद सभा का माहौल भावुक और राजनीतिक रूप से काफी सक्रिय रहा।
इंदिरा गांधी से तुलना, पीएम मोदी पर निशाना
सीएम सुक्खू ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तुलना करते हुए कहा:
"इंदिरा जी ने कभी भी राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं किया। उन्होंने पाकिस्तान को विभाजित किया और बांग्लादेश का निर्माण कराया। आज की सरकार उस नीति के एकदम विपरीत दिशा में चल रही है।"
‘छूट’ देने के दावे पर सवाल
सीएम ने पीएम मोदी के उस बयान पर भी सवाल खड़े किए जिसमें उन्होंने कहा था कि सेना को ‘पूरी छूट’ दी गई है।
"अगर सेना को पूरी छूट थी, तो युद्धविराम का फैसला तीनों सेनाओं से पूछे बिना क्यों किया गया? यह हमारे जवानों के पराक्रम और बलिदान के साथ अन्याय है।"
राष्ट्रवाद बनाम राजनीति ?
विपक्षी दलों और राजनीतिक विश्लेषकों के लिए यह बयान एक राजनीतिक मोर्चा खोल सकता है। जहां एक ओर केंद्र सरकार राष्ट्रवाद और सैन्य सफलता को अपनी उपलब्धि बताती है, वहीं हिमाचल के मुख्यमंत्री ने उसे राजनीतिक स्टंट और सैन्य गरिमा की अनदेखी बताया है।
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