एनटीपीसी नबीनगर स्टेज-2 की आधारशिला रखी: 29,948 करोड़ की बिजली परियोजना से पूर्वी भारत को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी छलांग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के औरंगाबाद में 29,948 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली एनटीपीसी नबीनगर STPP स्टेज-II परियोजना का शिलान्यास किया। यह पूर्वी भारत की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने में बड़ी भूमिका निभाएगा।
Himachaltoday.in
नई दिल्ली / औरंगाबाद, 30 मई 2025 को जारी ।
देश की ऊर्जा नीति में बिहार को पहली पंक्ति में लाने की कवायद तेज हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने औरंगाबाद जिले में 29,948 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली एनटीपीसी नबीनगर सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट (STPP) स्टेज-2 (3x800 मेगावॉट) का भव्य शिलान्यास किया। यह परियोजना पूर्वी भारत में ऊर्जा आत्म-निर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम मानी जा रही है।
प्रधानमंत्री द्वारा इस मौके पर कुल 48,520 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन व लोकार्पण भी किया गया — जो केवल आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि राजनीतिक भविष्य की ज़मीन भी तैयार कर रहा है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि में गर्मी:
⚡ क्या है एनटीपीसी नबीनगर STPP स्टेज-2:विशिष्ट उपस्थितियाँ:
सवालों के घेरे में बिजली वितरण और पारदर्शिता:
पीएम का दावा:
यह कार्यक्रम एक ओर ऊर्जा क्रांति का प्रतीक बताया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष ने इसे "चुनावी स्टंट" करार देते हुए यह सवाल उठाया है कि आखिर अब तक क्यों बिहार को ऊर्जा उत्पादन में इतनी देर से प्राथमिकता दी गई? कई विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि "घोषणाएं ज़्यादा, ज़मीन पर काम कम" का फॉर्मूला फिर दोहराया जा रहा है।
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परियोजना में 3 यूनिट्स (800 मेगावॉट प्रत्येक) शामिल होंगी।
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इसे NTPC द्वारा संचालित किया जाएगा।
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यह परियोजना बिहार सहित झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के उपभोक्ताओं को सस्ती और भरोसेमंद बिजली उपलब्ध कराएगी।
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निर्माण कार्य से हज़ारों युवाओं को रोज़गार मिलेगा।
इस अवसर पर कार्यक्रम में बिहार के राजनैतिक गलियारों की तमाम बड़ी हस्तियां मौजूद रहीं:
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बिहार के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
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केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, राजीव रंजन सिंह 'ललन सिंह', गिरिराज सिंह, चिराग पासवान, सतीश चंद्र दुबे
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उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा
विपक्ष ने यह मुद्दा भी उठाया कि जहां एक ओर बड़े पैमाने पर बिजली परियोजनाएं घोषित की जा रही हैं, वहीं राज्य के कई ग्रामीण इलाकों में अब भी 24 घंटे बिजली का सपना अधूरा है। क्या यह परियोजना आम जनता तक लाभ पहुंचा पाएगी या सिर्फ कॉर्पोरेट साझेदारों तक ही सीमित रहेगी?
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा:
"यह परियोजना बिहार को 'बिजली उत्पादक राज्य' बनाएगी और विकास को नई ऊंचाई देगी। यह नया भारत है, जहां वादे नहीं, काम होता है।"
भारत की सबसे बड़ी एकीकृत विद्युत् उपयोगिता कंपनी है एनटीपीसी लिमिटेड
एनटीपीसी लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी एकीकृत विद्युत् उपयोगिता कंपनी है, जो भारत में विद्युत् आवश्यकताओं की पूर्ति में एक-चौथाई का योगदान देती है। इसकी स्थापित क्षमता 80 GW से अधिक है, तथा 32 GW की अतिरिक्त क्षमता निर्माणाधीन है, जिसमें 13 GW की ऊर्जा क्षमता नवीकरणीय है। कंपनी 2032 तक 60 GW नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
एनटीपीसी अपने ताप, जल, सौर और पवन ऊर्जा संयंत्रों द्वारा राष्ट्र में विश्वसनीय, किफ़ायती और सतत बिजली आपूर्ति करते रहने के लिए समर्पित है। कंपनी हरित भविष्य के लिए सर्वोत्तम अभ्यासों का पालन करने, अभिनवता का विकास करने और स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है। अस्वीकरण: वाइरल समाचार.।
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