हिमालय नीति अभियान : देश पर भारी पड़ सकती है लद्दाख पर लापरवाही- समाधान तालाशे सरकार
HimachalTodayTv.
बंजार, कुल्लू, हिमाचल प्रदेश l
हिमालय नीति अभियान के अध्यक्ष और संयोजक गुमान सिंह ने केंद्र सरकार से अपील की कि लद्दाख की जनता से तुरंत बातचीत कर शांति और समाधान का रास्ता निकाला जाए।
उन्होंने लद्दाख में पिछले पाँच वर्षों से चल रहे अहिंसक आंदोलन को समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण आंदोलन को अनदेखा करने के कारण कुछ युवाओं ने हाल ही में अप्रिय घटनाओं को अंजाम दिया। हालांकि, सोनम वांगचुक ने हिंसा रोकने की अपील की है, जिसकी सराहना की जाती है।
गुमान सिंह ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार और प्रशासन की लापरवाही से हालात बिगड़े हैं। उन्होंने कहा कि यह सरकार का दायित्व है कि अहिंसक आंदोलन को हिंसा में न बदलने दे और लद्दाख की जनता की लोकतांत्रिक अपेक्षाओं को पूरा करे।
उन्होंने बताया कि आंदोलन की मुख्य मांगे हैं –
1. लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले।
2. संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए।
3. लोकसभा में दो सीटें दी जाएं।
4. स्थानीय युवाओं को रोजगार में प्राथमिकता मिले।
गुमान सिंह ने कहा कि लद्दाख के लोग हमेशा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं। लेकिन संसाधनों के दोहन में बड़ी कंपनियों का नियंत्रण स्थानीय हितों को नुकसान पहुँचा सकता है। इसलिए, इस सीमांत क्षेत्र की आवाज़ को गंभीरता से सुना जाना चाहिए।
उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि लद्दाख की जनता से तुरंत बातचीत कर शांति और समाधान का रास्ता निकाला जाए।
हिमालय नीति अभियान बंजार, कुल्लू, हिमाचल प्रदेश l
लद्दाख की जनता के अहिंसक आन्दोलन को हिमालय नीति अभियान का समर्थन l
----------------------------------------
हिमालय नीति अभियान की और से सभी सामाजिक संगठनों तथा राजनैतिन दलों से राष्ट्रीय हित में लद्दाख की जनता के अहिंसक आन्दोलन की लोकतान्त्रिक मांगों के समर्थन व समाधान की अपील ll
----------------------------------------
हिमालय नीति अभियान की और से अध्यक्ष कुलभूषण उपमन्यु और संयोजक गुमान सिंह लद्दाख में पिछली पांच वर्षो से चल रहे अहिंसक आन्दोलन को आप से समर्थन देने की अपील करते हैँ l इतने लंम्बे दौर से शांतिपूर्ण आंदोलन- रत जनता की उचित मांगों को पिछली कई सालों से लटकाए रखने तथा पिछले दिनों भूख हड़ताल पर बैठे लोगों के स्वास्थ की बिगड़ती स्थिति के कारण रोष स्वरूप कुछ युवाओं द्वारा अप्रिय घटनाओं को अंजाम दिया गया l
हम सोनम वांगचुक द्वारा लद्दाख में हुई हिंसा रोकने की अपील की सराहना करते हुए युवाओं से वांगचुक की अपील पर ध्यान देकर आन्दोलन को शन्तिपूर्ण बनाए रखने की आशा व्यक्त करते है l स्थानीय प्रशासन और केंद्र सरकार द्वारा इस बातचीत से हल होने वाले तार्किक मुद्दे को लापरवाही पूर्ण रवैये से बिगाड़ने के लिए निंदा करते हैँ lसरकार का यह फर्ज है कि वह अहिंसक आन्दोलन को लटका कर हिंसक न बनने दे l लद्दाख की जनता की लोकतान्त्रिक जन अपेक्षाओं को पूरा करने, क्षेत्र को संविधान की छठवीं अनुसूची में शामिल करने, रोजगार और लद्दाख में जनप्रतिनिधि व्यवस्था बहाली के लिए जनता का यह आंदोलन न्यायोचित हैl
आंदोलित लद्दाखवासियों ने अपनी मांगों को मानाने के लिए लद्दाख से दिल्ली तक सोनम वंगचूक के नेतृत्व में पिछली साल लगभग एक महीने तक पदयात्रा करके अपनी बात कहने का प्रयास किया l अब मामले को लटका कर बार बार आन्दोलन की जरूरत क्यों पड़ रही है l जाहिर है सरकार लद्दाख की जनता से संवाद कायम करने में असफल रह रही है इसी लिए बार बार फिर से जनता को आन्दोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है l सरकार द्वारा सोनम वंगचूक के खिलाफ सरकारी जाँच एजेंसियों तथा उन के द्वारा संचालित विश्वविद्यालय को दी गई भूमि की वापसी की कार्यवाही निदनीय है l
हम मांग करते हैँ कि आन्दोलन की चारों मांगें ले दे कर सरकार तुरंत लद्दाख की संघर्षरत जनता से चर्चा कर के लद्दाख और देश हित में उचित समाधान तालाशे l
आन्दोलन की मुख्य मांगें हैं कि लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए l संविधान की छठी अनुसूची में डाल कर संसाधनों पर स्थानीय निर्णायक भूमिका को मजबूत किया जाए, लोक सभा में दो सीटें दी जाएं, और नौकरियों में स्थानीय वासियों को प्राथमिकता दी जाए l ये सभी मांगें वाजिब हैं l
देश हित में केंद्र सरकार को इस सीमान्त क्षेत्र में लोगों के मन में यह भावना पैदा नहीं होने देनी चाहिए कि हमारी कोई सुनवाई नहीं करता l लद्दाख के लोग हमेशा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं l उनके हाथ में प्रजातांत्रिक शक्ति आने से वे देश का भला ही करेंगे l गोलीबारी जैसी घटना की घोर निंदा करते हुए हम मांग करते हैँ कि शांति बहाली के लिए तत्काल शांति प्रयासों को सक्रिय किया जाए और लोगों की आवाज को सुना जाए l
लोगों को स्थानीय संसाधनों के दोहन में अवैज्ञानिक तकनीकों और लालची प्रक्रियाओं से खतरा महसूस हो रहा है l ज्यादा तर सौर उर्जा,और रेयर अर्थ खनिजों का दोहन बड़ी पूँजीपति कंपनियों के हाथ में जाने से अति दोहन और स्थानीय नियंत्रण के अभाव में स्थानीय पर्यावरण और स्थानीय आर्थिक हितों को हानी पंहुचने का खतरा है l इन मुद्दों पर सांझी समझ बना कर लद्दाख और राष्ट्र हित में फैसले होने चाहिए l लद्दाख के पर्यावरण या ग्लेशियरों की रक्षा की बात सबसे बड़ा राष्ट्र हित है l
जलवायु परिवर्तन के इस दौर में जबकि पूरा पश्चिमी हिमालय प्राकृतिक आपदाओं की चपेट में आ चूका है, लद्दाख की आवाज को गंभीरता से सुनने की जरूरत है l दो विरोधी पड़ोसियों से घिरे इस संवेदन शील क्षेत्र के मुद्दों को हल करने में सरकार की लापरवाही देश पर भारी पड़ सकती है l ...बाली चौकी : डोला सिंह महंतl
यह भी पढेंः- Larji Dam-लारजी बांध से 28 सितम्बर को छोड़ा जाएगा पानी, व्यास नदी किनारे रहने वालों को अलर्ट
यह भी पढेंः- Kullu News: इंदु पटियाल बोलीं, विकास ने ही रचा विनाश का तांडव
यह भी पढें :- सुंदरनगर में पार्किंग-नो पार्किंग विवाद, अटल पार्किंग और कार आगजनी बनी वजह
यह भी पढें :-NHAI हिमाचल विवाद. किरतपुर नेरचौक फोरलेन जाम. चंडीगढ मनाली फोरसेल टोल टैक्स.
यह भी पढें :- मंडी में मीर बख्श को 92 बीघा जमीन देने पर बवाल, नाचन विधायक ने जताया विरोध
यह भी पढें :- Mandi-बालीचौकी में भूस्खलन से 60 परिवार प्रभावित, 19 घर खाली, भुगर्भीय अध्ययन की मांग
यह भी पढें :- Mandi: टकोली, पनारसा और नगवाईं में फ्लैश फ्लड से भारी तबाही
यह भी पढें :- नेरचौक से सरकाघाट शिफ्ट होगा अटल आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय
यह भी पढें :- घटिया फोरलेन निर्माण और NHAI की लापरवाही पर उठे सवाल
0 Comments