Larji Dam-लारजी बांध से 28 सितम्बर को छोड़ा जाएगा पानी, व्यास नदी किनारे रहने वालों को अलर्ट
HimachalTodayTv.
मंडी, 24 सितम्बर।
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्थित लारजी बांध से इस माह 28 सितम्बर की सुबह से 24 घंटे तक पानी छोड़ा जाएगा। यह पानी बांध में जमा गाद की निकासी और तकनीकी रखरखाव की प्रक्रिया के तहत छोड़ा जाएगा। इस दौरान लारजी से लेकर पंडोह बांध तक व्यास नदी के किनारे बसे हजारों लोगों को प्रशासन और एचपीएसईबीएल ने सतर्क रहने की हिदायत जारी की है।
वरिष्ठ अधिशासी अभियंता (सिविल मेंटिनेंस डिवीजन), एचपीएसईबीएल थलौट, अजय ठाकुर ने बताया कि बांध में पिछले कुछ महीनों से लगातार गाद जमा हो रही थी। इसे साफ करने के लिए 28 सितम्बर सुबह 6 बजे से लेकर 29 सितम्बर सुबह 6 बजे तक बांध के गेट खोले जाएंगे। इस दौरान लगभग 2000 क्यूसेक पानी व्यास नदी में छोड़ा जाएगा।
गाद निकासी क्यों ज़रूरी ?
लारजी बांध से हर साल इस तरह गाद निकासी की जाती है। मानसून के दौरान भारी बरसात और पहाड़ी इलाकों से बहकर आने वाली मिट्टी, पत्थर और रेत बांध में जमा हो जाती है। अगर समय पर इसकी सफाई न की जाए तो पानी का स्तर प्रभावित होता है और बिजली उत्पादन क्षमता भी कम हो जाती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, गाद की मोटी परत बांध की सुरक्षा और टरबाइन की कार्यक्षमता दोनों पर असर डालती है। इसीलिए बांध प्रबंधन साल में कम से कम एक बार पानी छोड़कर गाद को बाहर निकालता है।
प्रशासन ने जारी की चेतावनी
एचपीएसईबीएल के अधिकारियों और जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि इस दौरान नदी के किनारे कोई भी गतिविधि न करें। खासकर लारजी से पंडोह तक के बीच के क्षेत्र में लोग नदी के पास मवेशी न चराएं और न ही पानी भरने, नहाने या अन्य कार्यों के लिए किनारे पर जाएं।
अधिकारियों ने साफ शब्दों में कहा है कि "यह पानी छोड़े जाने की प्रक्रिया अचानक जलस्तर बढ़ा सकती है।" ऐसे में कोई भी व्यक्ति लापरवाही न बरते।
इसके साथ ही, बिजली उत्पादन भी इस दौरान पूरी तरह बंद रहेगा। यानी लारजी पावर स्टेशन की सभी इकाइयाँ अस्थायी रूप से ठप रहेंगी।
सायरन और प्रचार वाहनों से अलर्ट
अजय ठाकुर ने बताया कि सुरक्षा नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए लोगों को समय-समय पर सूचित किया जाएगा। इसके लिए बांध क्षेत्र और प्रभावित गाँवों में सायरन बजाए जाएंगे और प्रचार वाहन भी तैनात रहेंगे।
यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है ताकि कोई भी व्यक्ति अनजाने में नदी किनारे न पहुँचे और किसी प्रकार की दुर्घटना न हो।
किन क्षेत्रों पर होगा असर?
लारजी बांध से छोड़ा जाने वाला पानी सीधे व्यास नदी के प्रवाह को प्रभावित करेगा।
लारजी से लेकर पंडोह तक के सभी गाँव इस अवधि में प्रभावित क्षेत्र में आएंगे।
खासतौर पर थलौट, औट, कटौला, पंडोह और आस-पास के गाँवों के लोगों को सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।
नदी किनारे रह रहे मछुआरों और छोटे दुकानदारों को भी चेतावनी दी गई है।
पशुपालकों को खास हिदायत
गाँवों में रहने वाले पशुपालकों से कहा गया है कि वे इस अवधि में अपने मवेशियों को नदी किनारे न ले जाएं। हर साल कुछ घटनाएँ सामने आती हैं, जिनमें अचानक पानी बढ़ने से पशुओं की मौत हो जाती है। प्रशासन ने इस बार कड़ी चेतावनी दी है कि यदि कोई नियमों की अवहेलना करता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उसी व्यक्ति की होगी।
⚡ बिजली उत्पादन रहेगा बंद
बांध के गेट खोलने और गाद निकासी के दौरान लारजी पावर स्टेशन का उत्पादन शून्य रहेगा। आमतौर पर यह पावर स्टेशन प्रदेश को बड़ी मात्रा में बिजली उपलब्ध कराता है। लेकिन एक दिन की यह प्रक्रिया पूरी तरह तकनीकी कारणों से की जा रही है। अधिकारियों के अनुसार, इस दौरान प्रदेश की बिजली आपूर्ति पर बड़ा असर नहीं पड़ेगा क्योंकि अन्य पावर स्टेशनों से इसकी भरपाई की जाएगी।
स्थानीय लोगों की राय
ब्यासनदी किनारे रहने वाले कई लोगों ने प्रशासन के इस कदम का स्वागत किया। उनका कहना है कि हर साल समय-समय पर जानकारी देकर अलर्ट करना जरूरी है ताकि कोई हादसा न हो।
रामलाल, निवासी औट ने कहा – "पहले कई बार ऐसा हुआ कि लोगों को जानकारी नहीं मिल पाई और नुकसान हुआ। इस बार अगर समय पर प्रचार किया जा रहा है तो यह अच्छी बात है।"
गीता देवी, निवासी थलौट ने कहा – "हमारे गाँव के लोग नदी में कपड़े धोने और मवेशी ले जाने जाते हैं। हमें अब पता चला है कि 28 तारीख को पानी छोड़ा जाएगा। इसलिए हम सभी सतर्क रहेंगे।"
लारजी बांध से पानी छोड़े जाने की प्रक्रिया तकनीकी दृष्टि से बेहद जरूरी है। लेकिन इसके साथ ही यह प्रक्रिया स्थानीय लोगों के लिए जोखिम भी पैदा कर सकती है। इसलिए प्रशासन और एचपीएसईबीएल ने मिलकर सुरक्षा उपाय अपनाए हैं।
अधिकारियों ने स्पष्ट कहा है कि 28 सितम्बर सुबह 6 बजे से लेकर 29 सितम्बर सुबह 6 बजे तक व्यास नदी किनारे कोई भी व्यक्ति न जाए।
👉 यदि लोग प्रशासन के निर्देशों का पालन करेंगे तो किसी भी प्रकार की जान-माल की क्षति से बचा जा सकता है। ...हिमाचल टुडे टीवी के लिए मंडी से अंसारी की रिपोर्ट।
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