Old age Penson: मंडी जिले में 10 हजार बुजुर्गों की पेंशन लटकी, सरकार के वादे हवा हवाई

 
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Old age Penson: मंडी जिले में 10 हजार बुजुर्गों की पेंशन लटकी, सरकार के वादे हवा हवाई

-मंडी जिले में सामाजिक सुरक्षा योजना की साख पर संकट
-10 हजार से अधिक बुज़ुर्ग, विधवाएं और दिव्यांगजन बिना पेंशन के विभागीय लापरवाही और प्रशासनिक भ्रम के शिकार
-पंडित सुख राम जी और वीरभद्र सिंह के मंडी की स्थिति गंभीर

सुंदरनगर / मंडी। 

मंडी जिले में 10,000 से अधिक सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारक तीन महीनों से पेंशन का इंतजार कर रहे हैं। सरकारी दावों के बावजूद, बैंक खाते और विभागीय प्रक्रियाएं पेंशन अटका रही हैं। वर्षाे से जिन खातों से पेंशन मिल रही है, उनकी भी पेंशन का भुगतान नहीं किया जा रहा है।  

मंडी जिले के 10,000 से अधिक बुजुर्गों, विधवाओं की पेंशन लटकी

मंडी जिले के 10,000 से अधिक बुजुर्गों, विधवाओं और अन्य पात्र सामाजिक सुरक्षा पेंशनधारकों के लिए राहत की उम्मीद अभी भी अधूरी बनी हुई है। सरकार की ओर से हर महीने पेंशन सीधे खाते में डालने का वादा तो किया गया था, लेकिन हकीकत इसके एकदम उलट है। आरोप है कि तीन-तीन महीने से नहीं आई पेंशन। वृद्धावस्था, विधवा, निशक्त और अन्य श्रेणियों की सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिलने में भारी देरी हो रही है। कई लाभार्थियों को दो से तीन महीने हो चुके हैं और उनके खातों में पेंशन का कोई नामोनिशान नहीं है।

जिले में करीब 1 लाख 35 हजार से अधिक विभिन्न पेंशनधारक

बता दें कि जिले में करीब 1 लाख 35 हजार से अधिक विभिन्न पेंशनधारक है। अक्टूबर 2024 में राज्य सरकार के ऐलान के तहत अब से पेंशन हर महीने दी जाएगी, न कि हर तीन महीने में एक बार। प्रदेश सरकार ने उस समय इसे व्यवस्था परिवर्तन के तहत एक ऐतिहासिक सुधार बताकर प्रचारित किया गया। लेकिन मार्च 2025 में आखिरी बार जब पेंशन डाली गई थी, उसके बाद अब जून महीने में कुछ को ही पेंशन मिली है, बाकी इंतजार कर रहे हैं। 

पंडित सुख राम जी और वीरभद्र सिंह के मंडी में क्यों रूक गई हजारों बुजुर्गों, विधवाओं की पेंशन

पंडित सुख राम जी और वीरभद्र सिंह के मंडी में क्यों रूक गई हजारों बुजुर्गों, विधवाओं की पेंशन/


इस सवाल का जबाव यहां तलाश करने के प्रयास करेंगे। 

पंडित सुख राम जी और वीरभद्र सिंह के मंडी मंडी को दिल के करीब समझा है। 

प्रदेश भर के बुजुर्गों, विधवाओं के प्रति अधिक सोच के साथ जीवन की सांझ और अकेलेपन तथा कौने में पडे रहने वालों की मदद के लिए काफी कुछ किया है। 

जय राम ठाकुर के दौर में मिली आयु और आय की शर्त में राहत

जय राम ठाकुर ने भी इस कडी में जैसे दोनों नेताओं से एक कदम आगे बढ कर आयु और आय की शर्त में राहत देते हुए विशेष छूट प्रदान की है। वर्तमान सुक्खू सरकार ने भी दिव्यांगजन और बेसहाराओं के सहारा बने है। 

लेकिन चूक असल में कहां हो रही है।  

सरकार से पेंशन के नाम से आने वाला फंड एक बार एक साथ ही भेजा जाता होगा। लेकिन इसके बावजूद हजारों की पेंशन कहां किस स्तर पर रोकी जाती है। 

लोगों की माने तो कल्याण विभाग में प्रधानों का दबदबा रहता है, कई बार पेंशन पड जाती है और अगर कोई बिचोलीया रूठ जाए, तो सीधा असर देखने में आ जाता है।  

सुंदरनगर के विभागीय लोगों की दलील है कि इसमें विभाग का कोई कसूर नहीं है। लोगों के बैंक खाते में ही समस्याएं आने से पेंशन नहीं मिल रही होगी।

इस पर बैंक के अधिकारियों की दलील है कि एक बार किसी के खाते में पेंशन आनी शुरू हो गई हो, तो इसमें दोबारा कोई दिक्कत की गुंजाइंस नहीं रहती। 

क्या है समस्या 

हर तीन महीने (तिमाही) की एक साथ पेंशन खाते में शुरू से ही डाली जाती रही है। समस्या वर्ष 2024 से शुरू हुई है। सरकार ने पेंशन हर महिने देने का निर्णय किया। 

अक्तूबर महीने में (जुलाई.अगस्त.सितम्बर) तिमाही की पेंशन का भुगतान हुआ। इसके बाद (अक्तूबर.नवम्बर.दिसम्बर) तिमाही की जनवरी को पेंशन का भुगतान नहीं किया गया। (जनवरी.फरवरी.मार्च) तिमाही की अप्रैल को दी जाने वाली पेंशन की जगह भुगतान (अक्तूबर.नवम्बर.दिसम्बर) तिमाही की प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने मार्च में जारी बयान में कहा है कि 570 करोड की राशि जारी की गई। इसके बाद पेंशन का भुगतान 17 मार्च को किया गया।

(जनवरी.फरवरी.मार्च) की पेंशन जो अप्रैल में दी जानी थी, इसका भुगतान जून महीने किया, लेकिन इसमें भी हजारों पेंशन धारकों को एक पैसा तक नहीं दिया गया है। 

हिमाचल में सामाजिक सुरक्षा पेंशन अब त्रैमासिक नहींबल्कि मासिक आधार पर मिलेगी। राज्य सरकार ने इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। नई प्रक्रिया को अपनाए जाने के कारण ही 2025 में पेंशन दो माह लेट हो गई है। हिमाचल में वर्तमान में सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत कुल 824929 लाभार्थी हैं। इनके लिए पेंशन की वर्तमान व्यवस्था ट्राइबल एरिया में साल में दो बार एडवांस देने की हैजबकि नॉन ट्राइबल एरिया में त्रैमासिक आधार पर भुगतान एडवांस में किया जाता है। सामाजिक सुरक्षा पेंशन के दो हिस्से हैं। एक नेशनल सोशल सिक्योरिटी पेंशन स्कीम है और दूसरी स्टेट के बजट से चलने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाएं हैं। इनमें ओल्ड एजविधवा और दिव्यांग पेंशन भी शामिल हैं।


हर महीने पेंशन का भुगतान खाते में डीबीटी के जरिए 


कैग ऑडिट में बार-बार यह बात आ रही थी कि राज्यों को त्रैमासिक के बजाय हर महीने सामाजिक सुरक्षा पेंशन का भुगतान लाभार्थी के खाते में डीबीटी के जरिए करना चाहिए। हिमाचल ने भी अब इस प्रक्रिया को अपनाने का फैसला किया है और राज्य के मुख्य सचिव ने इस बारे में संबंधित डॉक्यूमेंट विभाग से मांगे हैं। हिमाचल में सामाजिक सुरक्षा पेंशन एंपावरमेंट ऑफ एससीओबीसीमाइनॉरिटी और स्पेशली एबल्ड विभाग द्वारा दी जाती है। यह विभाग हर साल 1411 करोड़ सामाजिक सुरक्षा पेंशन में बांटता है। इसीलिए अब हिमाचल भी इस नए सिस्टम को लागू कर रहा हैलेकिन प्रक्रिया में लग रहे वक्त के कारण जनवरी और फरवरी माह की पेंशन लेट हो गई है। 

विभाग दलील दे रहा है कि बैंक और प्रक्रिया बनी देरी की वजह। कि कई बार बैंक खाते लिंक करने जैसी कई सामस्याओं के कारण ही देरी हुई है। लेकिन सवाल है कि इस समस्या के लिए कितने समय की देरी होनी चाहिए। 

दूसरी ओर, कई पेंशनधारकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार की प्रक्रिया जितनी सुचारु दिखती है, जमीनी हकीकत उतनी ही जटिल है। विभाग के कार्यालय से बैंक आधार लिंकिंग, खाता सत्यापन या तकनीकी कारणों का हवाला देकर पेंशन लाभार्थियों को बार-बार चक्कर लगवा रहे हैं।

दयनीय हो रही पेंशन देरी से बुजुर्गों की हालत 

पेंशन देरी से बुजुर्गों की हालत दयनीय हो रही है। गांवों और कस्बों में रहने वाले बुजुर्गों के लिए यह पेंशन उनकी एकमात्र नियमित आय होती है। कई पेंशनधारकों ने बताया कि दवाई, राशन और रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करना मुश्किल हो गया है। कुछ लोग तो कर्ज लेकर अपनी ज़रूरतें पूरी कर रहे हैं।

भाजपा मंडल के अनुसूचित जाति विभाग के अध्यक्ष अमरू राम ने इस पर चिंता जताई है। वहीं चुनी लाल ने आरोप लगाया कि सरकार की घोषणा और हकीकत में फासला है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने खुद पेंशन प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए निर्देश दिए थे। 

सिस्टम में कोई ठोस बदलाव नहीं दिख रहा

लेकिन 10 महीने बीतने के बाद भी सिस्टम में कोई ठोस बदलाव नहीं दिख रहा। लोगों में यह आक्रोश भी है कि सरकार ने केवल घोषणाएं कीं, ज़मीनी क्रियान्वयन पर ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि जब पेंशन ही समय पर नहीं पहुंचेगी तो सरकार की सामाजिक सुरक्षा नीति पर सवाल उठना स्वाभाविक है।

बयान 

जिला कल्याण अधिकारी समीर ने इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि, जून महीने की पेंशन सभी पेंशनधारकों के लिए जारी कर दी गई है, लेकिन कुछ मामलों में बैंक स्तर पर खाता सत्यापन और तकनीकी जांच के कारण भुगतान लंबित है। ....रिपोर्ट/अंसारी   

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