आरक्षण व्यवस्था: सरकारी नौकरी या पंचायती चुनाव-उच्च जातियों के साथ हो रहा अन्याय: बलदेव ठाकुर
Himachaltoday.in
कुल्लू, (हिमाचल प्रदेश) 04 अगस्त।
हिमाचल सेवादल के पूर्व चीफ और क्षत्रिय महासभा के प्रदेश महासचिव बलदेव सिंह ठाकुर ने आरक्षण व्यवस्था को लेकर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि आरक्षण के नाम पर न केवल सरकारी नौकरियों में, बल्कि पंचायत और अन्य स्थानीय निकायों के चुनावों में भी उच्च जाति के लोगों के साथ अन्याय हो रहा है।
बलदेव ठाकुर ने मांग की कि - ओपन सीटों पर भी यदि अनुसूचित जाति (SC) अनुसूचित जनजाति (ST ) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC ) के उम्मीदवारों को ही बार-बार प्राथमिकता दी जाती रही, तो यह लोकतांत्रिक अधिकारों का सीधा उल्लंघन है। उन्होंने यहां तक कहा कि ओपन सीटों पर आरक्षित उम्मीदवारों को रोकने के लिए स्पष्ट नियम बनाए जाएं।
राजपूत समाज को एकजुट होने का आह्वान
बलदेव ठाकुर ने कहा कि अब समय आ गया है जब हमें अपनी देव संस्कृति, राजपूत धर्म और मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए खुलकर आवाज़ उठानी होगी। "अगर हम आज नहीं बोले तो आने वाली पीढ़ियों को चुप रहने की सज़ा भुगतनी पड़ेगी," उन्होंने चेतावनी दी।
उन्होंने कहा कि आज राजपूत समाज और अन्य सवर्ण वर्गों को हर मोर्चे पर नीचा दिखाने की कोशिश हो रही है। चाहे वह शिक्षक भर्ती हो या पटवारी चयन या पंचायत प्रतिनिधियों के चुनाव, हर जगह ‘आरक्षण एक हथियार बन गया है, जो जातिगत आधार पर एक खास वर्ग को हाशिए पर धकेल रहा है।
सड़क पर उतरने की चेतावनी
महासचिव ठाकुर ने कहा कि यदि स्थिति नहीं सुधरी, तो वे प्रदेश भर के राजपूत संगठनों और अन्य समान विचारधारा वाले वर्गों को साथ लेकर सड़कों पर उतरेंगे और बड़ा आंदोलन खड़ा करेंगे।
उन्होंने कहा, हम किसी जाति या समुदाय के विरोधी नहीं हैं, लेकिन हमें भी हमारे अधिकार चाहिए। ओपन सीट का मतलब सबके लिए खुला होना चाहिए, न कि एक ही वर्ग के लिए आरक्षित।"
अन्य संगठनों से समर्थन की अपील
बलदेव ठाकुर ने सभी सामाजिक संगठनों, युवाओं और विचारशील नागरिकों से आग्रह किया कि वे इस संवेदनशील विषय पर चुप न रहें। उन्होंने कहा कि जल्द ही एक विचार-विमर्श बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
❖ पृष्ठभूमि: पंचायती राज चुनावों की तैयारी
हिमाचल प्रदेश में अगले कुछ महीनों में पंचायत चुनावों की प्रक्रिया
शुरू होने जा रही है।
इनमें जिला परिषद, ब्लॉक समिति, पंचायत प्रधान, उप-प्रधान और वार्ड मेंबर जैसे पदों के लिए चुनाव होंगे।
❖ आरक्षित सीटों पर प्रतिबंध स्वीकार, लेकिन ओपन सीटों पर विरोध
*प्रदेश क्षत्रिय महासभा के महासचिव बलदेव सिंह ठाकुर ने प्रेस
विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि आरक्षित सीटों पर केवल OBC, SC/ST वर्ग
के लोग ही चुनाव लड़ सकते हैं, यह व्यवस्था ठीक है।
लेकिन, जब बात ओपन (अनारक्षित) सीटों की आती है, तो वहां भी आरक्षित वर्ग के उम्मीदवार चुनाव लड़ते हैं, जो कि अन्यायपूर्ण है।
❖अनारक्षित उम्मीदवारों के साथ अन्याय
ठाकुर ने कहा कि यह *एक तरफा व्यवस्था बन गई है, जिसमें आरक्षित वर्ग के पास तो अपनी सुरक्षित सीटें हैं, लेकिन वे ओपन सीटों पर भी कब्जा कर रहे हैं।
इससे अनारक्षित जातियों से आने वाले उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में असमान प्रतिस्पर्धा झेलनी पड़ती है।
❖ पूर्व के उदाहरण और अनुभव
*ठाकुर ने उदाहरण देते हुए कहा कि पूर्व में कई पंचायतों में देखा
गया कि ओपन सीटों पर भी SC/ST या OBC उम्मीदवार जीतते रहे हैं।
इससे वास्तविक ओपन वर्ग के प्रतिनिधित्व पर संकट खड़ा हो गया है।
❖सरकार से की सख्त नियम बनाने की मांग
उन्होंने प्रदेश सरकार से आग्रह किया कि अगर आरक्षण व्यवस्था
निष्पक्ष होनी है तो ओपन सीटों को वाकई में ओपन रखा जाए - न कि सिर्फ नाम के लिए।
उन्होंने मांग की कि सरकार स्पष्ट आदेश जारी करे कि आरक्षित वर्ग के लोग ओपन सीटों पर चुनाव न लड़ें।
❖ न्यायिक और लोकतांत्रिक सवाल उठाए
बलदेव ठाकुर ने सवाल किया कि यदि ओपन सीट पर भी आरक्षित वर्ग के लोग ही चुनाव जीतते रहेंगे, तो फिर सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए अवसर कहां है,
क्या यही न्याय है कि जिनके पास पहले से आरक्षित सुविधा है, वे सभी सीटों पर दावा कर सकें।
❖ भविष्य की चेतावनी: आंदोलन होगा
उन्होंने कहा कि यदि सरकार इस विषय को गंभीरता से नहीं लेती तो अनारक्षित वर्ग के लोगों को सड़क पर उतरकर अपना हक मांगना पड़ेगा।
यह कोई जातिवादी लड़ाई नहीं बल्कि संवैधानिक समानता और निष्पक्ष प्रतिनिधित्व की मांग है।
❖ सामाजिक संगठनों से समर्थन की अपील
ठाकुर ने प्रदेश के सभी सामाजिक संगठनों, युवाओं और जागरूक
नागरिकों से अपील की कि वे इस मुद्दे पर एकजुट हों।
उन्होंने कहा कि यह भविष्य की पीढ़ियों के अधिकारों की रक्षा का सवाल है। ....रिपोर्ट/डोला सिहं महंत
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