हिमाचल में पंचायत-निकाय चुनाव टालने पर बवाल, ठाकुर हीरापाल सिंह बोले– लोकतंत्र पर सीधा हमला
हिमाचल प्रदेश में पंचायत और नगर निकाय चुनाव टालने की चर्चा ने सियासत गरमा दी है। राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश संयोजक ठाकुर हीरापाल सिंह ने सरकार पर लोकतंत्र विरोधी कदम उठाने का आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव प्रस्तावित समय पर ही करवाए जाएं।
प्रस्तावित समय पर हों शहरी निकाय और पंचायत चुनाव : ठाकुर हीरापाल सिंह
कांग्रेस सरकार पर चुनाव टालने की मंशा के आरोप लग रहे के कांग्रेस प्रदेश संयोजक ठाकुर हीरापाल सिंह
HimachalTodayTv.
हिमाचल प्रदेश-सुंदरनगर (मंडी)।
हिमाचल प्रदेश की राजनीति में इन दिनों पंचायत और शहरी निकाय चुनाव को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। प्रदेश कांग्रेस सरकार पर चुनाव टालने की मंशा के आरोप लग रहे हैं। राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश संयोजक ठाकुर हीरापाल सिंह ने इस मुद्दे को गरमा दिया है। उन्होंने साफ कहा कि “सरकार निकाय और पंचायत चुनाव प्रस्तावित समय पर ही करवाए, अन्यथा यह चुने हुए प्रतिनिधियों के अधिकारों का सीधा हनन होगा।”
ठाकुर हीरापाल सिंह ने प्रदेश सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि यदि ओबीसी जनगणना का बहाना बनाकर चुनाव टाले जा रहे हैं तो यह लोकतंत्र के खिलाफ है। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि *जनगणना का मुद्दा विधानसभा चुनाव से जोड़ा जा सकता है, लेकिन पंचायत और निकाय चुनाव में इसका कोई औचित्य नहीं है।
लोकतंत्र की जड़ों पर वार
प्रदेश संयोजक ने जोर देकर कहा कि पंचायत और नगर निकाय लोकतंत्र की **“मिनी विधानसभा”** की तरह हैं। गांवों और शहरों के स्तर की मूलभूत समस्याएं – पानी, नाली, सड़क, सफाई, स्वास्थ्य और शिक्षा – इन्हीं चुने हुए प्रतिनिधियों के माध्यम से सुलझाई जाती हैं।
उन्होंने कहा कि -अगर सरकार इन चुनावों को टालती है तो यह सीधे-सीधे संविधान और लोकतंत्र की जड़ों पर वार होगा।”
राजीव गांधी की सोच और गांधीजी का ग्राम स्वराज
हीरापाल सिंह ने कहा कि महात्मा गांधी ने ग्राम स्वराज की जो अवधारणा रखी थी और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जिस सोच के साथ पंचायतों और निकायों को 73वें और 74वें संशोधन के तहत शक्तियां दी थीं, उन्हें नजरअंदाज करना बेहद खतरनाक है।
उन्होंने बताया कि पंचायतों को 29 और नगर निकायों को 18 विषयों पर अधिकार मिले हुए हैं। ऐसे में चुनाव टालने की कोशिश “जनता की आवाज दबाने” के बराबर है।
कांग्रेस सरकार पर निशाना
हालांकि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार सत्ता में है, लेकिन अब इसी सरकार के खिलाफ कांग्रेस से जुड़े संगठन ही मोर्चा खोलते दिखाई दे रहे हैं। हीरापाल सिंह ने साफ चेतावनी दी है कि संगठन हर जिले और ब्लॉक में पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को लामबंद करेगा और चुनाव टालने की किसी भी कोशिश का पुरजोर विरोध करेगा।
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ सत्ता का खेल नहीं है, बल्कि लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश है।
चुनाव बनाम जनगणना : राजनीतिक चाल?
सूत्रों के मुताबिक सरकार ओबीसी जनगणना के आधार पर सीटों का आरक्षण तय करने के लिए समय चाहती है। लेकिन विपक्षी दल और अब राजीव गांधी पंचायती राज संगठन भी इसे “राजनीतिक चाल” बता रहे हैं।
यह सवाल उठना लाजमी है कि अगर विधानसभा चुनाव तय समय पर हो सकते हैं तो फिर पंचायत और निकाय चुनाव क्यों नहीं?
विवाद और राजनीति की गर्मी
इस पूरे विवाद ने प्रदेश की राजनीति को गर्मा दिया है। जहां भाजपा इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में जुटी है, वहीं अब कांग्रेस से जुड़े संगठन भी खुलकर विरोध कर रहे हैं।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि पंचायत और निकाय चुनाव टाले गए तो यह हिमाचल की राजनीति में बड़ा मुद्दा बन सकता है, और ग्रामीण स्तर पर कांग्रेस सरकार की छवि को गहरा धक्का लगेगा।
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