Himachal Panchayat Elections Postponed, पंचायत सचिवों को सौंपी जाएगी कमान
HimachalTodayTv.
सुंदरनगर | हिमाचल टुडे टीवी | अक्टूबर 2025
हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में आई प्राकृतिक आपदाओं के चलते आगामी पंचायती राज चुनाव को फिलहाल टाल दिया है। मानसून के दौरान हुई भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से प्रदेश के कई जिलों में बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है। इसी कारण सरकार ने प्रशासनिक दृष्टि से पंचायत चुनाव कराने की प्रक्रिया को स्थगित करने का निर्णय लिया है।
पंचायत प्रतिनिधियों का पांच वर्षीय कार्यकाल 23 जनवरी 2026 को पूरा
प्रदेश की पंचायतों में कार्यरत चुने हुए पंचायत प्रतिनिधियों का पांच वर्षीय कार्यकाल 23 जनवरी 2026 को पूरा हो रहा है। अब सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रतिनिधियों के कार्यकाल को नहीं बढ़ाया जाएगा। ऐसे में, नए चुनाव संपन्न होने और नए प्रतिनिधियों के शपथ ग्रहण तक पंचायत सचिव ही पंचायतों से जुड़े सभी प्रशासनिक कार्यों की जिम्मेदारी संभालेंगे।
प्राकृतिक आपदा बनी प्रमुख वजह
मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, इस वर्ष मानसून में हुई भारी तबाही के चलते राज्य के कई हिस्सों में सड़कें, पुल, जल स्त्रोत, स्कूल और पंचायत भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं। डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत सरकार ने फिलहाल चुनाव प्रक्रिया को स्थगित करने की सिफारिश की है। बताया जा रहा है कि सरकार का मानना है कि जब तक राहत और पुनर्निर्माण कार्य पूरे नहीं हो जाते, तब तक चुनाव कराना व्यावहारिक नहीं होगा।
राज्य के ग्रामीण इलाकों में हजारों परिवार अब भी विस्थापित हैं। कई पंचायत क्षेत्रों में मतदान केंद्रों की स्थिति भी ठीक नहीं है। इसी कारण प्रशासन ने चुनाव आयोग को सुझाव दिया कि इन क्षेत्रों में पंचायत चुनाव कुछ समय के लिए आगे बढ़ाए जाएं।
कार्यकाल पूरा होने के बाद सचिव करेंगे पंचायत कार्य
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद पंचायत सचिवों को पंचायतों का कार्यभार सौंपा जाएगा। पंचायत सचिव प्रशासनिक कार्यों के साथ-साथ वित्तीय लेनदेन, जनकल्याण योजनाओं के क्रियान्वयन और पंचायत रिकॉर्ड के रखरखाव का दायित्व संभालेंगे।
राज्य सरकार ने सभी उपायुक्तों (DCs) को यह निर्देश दिया है कि वे अपने जिलों में पंचायत सचिवों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करें, ताकि पंचायत कार्य बाधित न हों।
मतदाता सूची का कार्य जारी
हालांकि पंचायत चुनाव टल गए हैं, लेकिन राज्य चुनाव आयोग ने पंचायतों, नगर निकायों और नगर निगमों के लिए मतदाता सूची (Voter List) तैयार करने की प्रक्रिया जारी रखी है।
राज्य चुनाव आयोग के अनुसार
* 8 से 17 अक्टूबर तक लोग अपने नाम जोड़ने, त्रुटियाँ सुधारने और आपत्तियाँ दर्ज कराने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
* 27 अक्टूबर तक सभी दावे और आपत्तियों का निपटारा कर दिया जाएगा।
जिन लोगों को निर्णय से असहमति होगी, वे 3 नवंबर तक अपील कर सकेंगे।
* इन अपीलों पर निर्णय 10 नवंबर तक लिया जाएगा
* इसके बाद 13 नवंबर को अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी जाएगी।
इस प्रक्रिया से मतदाताओं को भविष्य के चुनावों के लिए अपने नामों को अपडेट करने का पर्याप्त अवसर मिलेगा।
चुनाव की तैयारी पहले से शुरू थी
सूत्रों के अनुसार, सरकार ने पहले उपायुक्तों को पंचायत चुनाव के लिए रोस्टर फाइनल करने के आदेश जारी किए थे। वहीं चुनाव से संबंधित नामांकन प्रक्रिया और अन्य तैयारियों पर भी कार्य चल रहा था। लेकिन मानसून की तबाही के बाद सरकार ने परिस्थितियों की समीक्षा की और फिर चुनाव स्थगित करने का निर्णय लिया।
चुनाव आयोग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि जब तक सरकार की ओर से औपचारिक अधिसूचना नहीं आती, आयोग केवल तैयारी की प्रक्रिया पूरी करेगा, लेकिन चुनाव की तारीखें घोषित नहीं की जाएंगी।
पंचायत चुनाव का दायरा
हिमाचल प्रदेश में कुल 3,577 पंचायतें, 12 जिला परिषदें, और 91 पंचायत समितियाँ हैं, जहाँ आगामी चुनाव प्रस्तावित थे। पंचायत चुनाव आमतौर पर राज्य की लोकतांत्रिक जड़ों को मजबूत करने का माध्यम होते हैं, लेकिन इस बार प्रकृति की मार ने इस प्रक्रिया को प्रभावित कर दिया है।
पंचायत चुनाव स्थगन पर प्रतिक्रियाएँ
इस निर्णय के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में मिली-जुली प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं। कुछ लोगों का कहना है कि प्राकृतिक आपदा के बाद राहत कार्यों को प्राथमिकता देना उचित है, वहीं कुछ पंचायत प्रतिनिधियों का मानना है कि चुनाव टालने से स्थानीय विकास कार्यों पर असर पड़ेगा।
पूर्व पंचायत प्रधानों ने कहा कि सरकार को चुनाव स्थगन की अवधि के दौरान पंचायत सचिवों को पर्याप्त अधिकार देने चाहिए, ताकि जनकल्याण योजनाओं में कोई रुकावट न आए।
डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट के तहत निर्णय
राज्य के नए मुख्य सचिव ने डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट, 2005 के प्रावधानों का हवाला देते हुए चुनाव स्थगित करने की सिफारिश की है। इस अधिनियम के तहत आपदा की स्थिति में प्रशासनिक कार्यों में लचीलापन प्रदान किया जा सकता है।
राज्य सरकार का कहना है कि राहत और पुनर्निर्माण कार्यों के बाद पंचायत चुनावों की नई तिथि घोषित की जाएगी। इसके लिए प्रशासनिक समीक्षा की जा रही है। फिलहाल सरकार का ध्यान आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास, स्कूलों और सड़कों की मरम्मत पर केंद्रित है।
सरकार का यह निर्णय अस्थायी है, लेकिन इससे स्पष्ट है कि प्रशासन जनता की सुरक्षा और सुविधा को सर्वोपरि रख रहा है। ...Ansari
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