लद्दाख हिंसा पर हिमाचल वीर कल्याण समिति ने जताई नाराजगी, सोनम वांगचुक की रिहाई की उठाई मांग
हिमाचल वीर कल्याण समिति के अध्यक्ष बलदेव सिंह ठाकुर ने लद्दाख में हुई हिंसा और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि लद्दाख की जनता की मांगें संविधान सम्मत और न्यायोचित हैं, जिन्हें केंद्र सरकार को संवाद के माध्यम से तुरंत सुलझाना चाहिए। समिति ने चेतावनी दी कि यदि लद्दाख के शांतिपूर्ण आंदोलन को अनदेखा किया गया तो यह पूरे हिमालय और देश के लिए नुकसानदायक होगा। बलदेव ठाकुर ने सोनम वांगचुक की शीघ्र रिहाई और लद्दाख को छठवीं अनुसूची में शामिल करने की मांग उठाई।
Himachal Today Tv.
कुल्लू,हिमाचल।
हिमाचल वीर कल्याण समिति के अध्यक्ष बलदेव सिंह ठाकुर ने केंद्र सरकार की दमनकारी नीतियों और लद्दाख में हुई हिंसा को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को हिरासत में लिए जाने से पूरे देश के जनमानस में आक्रोश है।
उन्होंने कहा कि लद्दाख की जनता पिछले पांच वर्षों से शांतिपूर्ण और गांधीवादी तरीके से अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रही है, लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक उनकी मांगों को नजरअंदाज किया है। इसी कारण जनता में केंद्र सरकार के प्रति अविश्वास और असंतोष लगातार बढ़ता जा रहा है।
बलदेव ठाकुर ने बताया कि 24 सितम्बर 2025 को लद्दाख में लोग भूख हड़ताल पर बैठे प्रदर्शनकारियों के समर्थन में सड़कों पर उतरे थे। आंदोलन पूरी तरह अहिंसक था, लेकिन प्रशासन ने शांति स्थापित करने के बजाय उन निहत्थे लोगों पर लाठीचार्ज और गोलीबारी कर दी। इस गोलीबारी में चार लोग शहीद हो गए और 50 से अधिक घायल हुए।
उन्होंने कहा कि यह घटना न केवल लद्दाख बल्कि पूरे देश के लिए शर्मनाक है। ऐसे कदम जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला हैं। उन्होंने हिमालय संरक्षक सोनम वांगचुक की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा शांति, संवाद और पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया है।
बलदेव ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि वह इस आंदोलन को हिंसक बनने से रोके और तुरंत संवाद की पहल करे। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन लद्दाख को संविधान की छठवीं अनुसूची में शामिल करने, रोजगार, और जनप्रतिनिधि व्यवस्था की बहाली जैसी न्यायोचित मांगों के लिए चल रहा है।
उन्होंने याद दिलाया कि पिछले वर्ष सोनम वांगचुक के नेतृत्व में लद्दाख से दिल्ली तक लगभग एक महीने लंबी पदयात्रा की गई थी, जिसमें जनता ने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखने की कोशिश की थी। लेकिन सरकार ने इसे अनदेखा कर दिया, जिससे जनता को फिर से आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
वीर कल्याण समिति के अध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि वह लद्दाख की जनता की चारों मुख्य मांगों पर तुरंत बातचीत करे और वहां के लोगों की लोकतांत्रिक भावनाओं का सम्मान करे। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने इस मुद्दे को हल करने में और देरी की, तो यह देश के लिए गंभीर परिणाम लेकर आ सकता है।
उन्होंने कहा कि लद्दाख का क्षेत्र न केवल सामरिक दृष्टि से संवेदनशील है, बल्कि पर्यावरण के लिहाज से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में हिमालय के ग्लेशियर देश की जलस्रोत प्रणाली की रीढ़ हैं। अगर लद्दाख की आवाज को नजरअंदाज किया गया तो इसका असर पूरे उत्तर भारत के जलवायु तंत्र पर पड़ेगा।
बलदेव ठाकुर ने कहा — दो विरोधी पड़ोसी देशों से घिरे इस क्षेत्र में जनता की उपेक्षा करना राष्ट्रहित के खिलाफ है। सरकार को तुरंत सोनम वांगचुक को रिहा करना चाहिए और संवाद से समाधान निकालना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि हिमाचल वीर कल्याण समिति देशहित में सोनम वांगचुक और लद्दाख की जनता के साथ चट्टान की तरह खड़ी है। समिति ने कहा कि हिंसा की निंदा करते हुए वे चाहते हैं कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द इस विवाद को बातचीत से सुलझाए।
इस अवसर पर लोवजंग बौद्ध, पूर्व सैनिक सुंदर सिंह बौद्ध, कुल्लू जिला बौद्ध समुदाय के अध्यक्ष भगवान सिंह बौद्ध, जनहित विकास समिति के अध्यक्ष डोला सिंह महंत, जिला क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष ओम चंद और पूर्व जिला परिषद सदस्य धनी राम सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
Read More:
यह भी पढेंः- हिमालय नीति अभियान : देश पर भारी पड़ सकती है लद्दाख पर लापरवाही- समाधान तालाशे सरकार
यह भी पढेंः- Larji Dam-लारजी बांध से 28 सितम्बर को छोड़ा जाएगा पानी, व्यास नदी किनारे रहने वालों को अलर्ट
यह भी पढेंः- Kullu News: इंदु पटियाल बोलीं, विकास ने ही रचा विनाश का तांडव
यह भी पढें :- सुंदरनगर में पार्किंग-नो पार्किंग विवाद, अटल पार्किंग और कार आगजनी बनी वजह
यह भी पढें :-NHAI हिमाचल विवाद. किरतपुर नेरचौक फोरलेन जाम. चंडीगढ मनाली फोरसेल टोल टैक्स.
यह भी पढें :- मंडी में मीर बख्श को 92 बीघा जमीन देने पर बवाल, नाचन विधायक ने जताया विरोध
यह भी पढें :- Mandi-बालीचौकी में भूस्खलन से 60 परिवार प्रभावित, 19 घर खाली, भुगर्भीय अध्ययन की मांग
यह भी पढें :- Mandi: टकोली, पनारसा और नगवाईं में फ्लैश फ्लड से भारी तबाही
यह भी पढें :- नेरचौक से सरकाघाट शिफ्ट होगा अटल आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय
यह भी पढें :- घटिया फोरलेन निर्माण और NHAI की लापरवाही पर उठे सवाल
0 Comments