Para Workers: हिमाचल में जल शक्ति विभाग के पैरा वर्कर्स ने मांगा सम्मानजनक वेतन
हिमाचल में जल शक्ति विभाग के पैरा वर्कर्स ने मांगा सम्मानजनक वेतन: कई ने ड्यूटी निभाते हुए गंवाई जान- मंडी जिले के सुंदरनगर से उठी पुकार: जल शक्ति विभाग के पैरा वर्कर्स ने सरकार से सम्मानजनक वेतन की मांग की है। सीमित वेतन पर जान जोखिम में डालने वाले इन कर्मियों ने कई बार अपनी ड्यूटी निभाते हुए जान गंवाई। संघर्ष मोर्चा ने मुख्यमंत्री सुक्खू से शीघ्र स्थायी नीति बनाने की अपील की है।
HimachalTodayTv.
सुंदरनगर (मंडी)। हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति विभाग में सेवाएं दे रहे पैरा वर्कर्स आज भी सम्मानजनक वेतन की उम्मीद में संघर्ष कर रहे हैं। ये वही युवा हैं जो दिन-रात, बारिश हो या धूप, गांव-गांव में जलापूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना काम करते हैं। लेकिन दुख की बात यह है कि आज भी इनकी मेहनत का सही मूल्य नहीं मिल रहा।
मुश्किल परिस्थितियों में काम कर रहे हैं पैरा वर्कर्स कर्मचारी
जल शक्ति विभाग पैरा वर्कर्स संघर्ष मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष अमन ने बताया कि पैरा मल्टी पर्पस व पंप ऑपरेटर/फिटर के पदों पर कार्यरत कर्मचारी मुश्किल परिस्थितियों में काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह वर्ग जलापूर्ति के हर कठिन कार्य को बिना किसी भय के पूरा करता है, लेकिन इन्हें मिलने वाली 5500 से 6600 रुपये मानदेय पर गुजारा करना बहुत कठिन है।
कई ने अपनी सेवा निभाते हुए जान भी गंवाई
दीपक की बीमारी और आर्थिक तंगी के कारण मृत्यु
अमन ने बताया कि इन वर्कर्स में कई ने अपनी सेवा निभाते हुए जान भी गंवाई है। जिला मंडी की कोटली तहसील के गांव बडयार (भरगांव) के दीपक की 24 अक्तूबर को बीमारी और आर्थिक तंगी के कारण मृत्यु हो गई। उनके पिता पहले ही गुजर चुके थे। अब उनकी माँ और बहन बेसहारा रह गई हैं।

सड़क धंसने से दब गए हाकम ठाकुर
सड़क धंसने से दब गए हाकम ठाकुर : माता, पत्नी रोजी-रोटी के लिए भटकने को मजबूर
ऐसे ही मंडी जिले के फांदर (कुकलाह क्षेत्र) के हाकम ठाकुर की 8 जुलाई को उस वक्त मौत हो गई जब वे ड्यूटी देने के लिए जा रहे थे और रास्ते में सड़क धंसने से दब गए। उनके पीछे माता, पत्नी और तीन साल का बेटा रह गया — जो अब रोजी-रोटी के लिए भटकने को मजबूर है।

राहुल कुमार की भी ड्यूटी के दौरान भूस्खलन में दबकर मौत

ड्यूटी के दौरान भूस्खलन में दबकर हो गई राहुल कुमार की मौत
चंबा जिले के मंगला सेक्शन के राहुल कुमार की भी ड्यूटी के दौरान भूस्खलन में दबकर मौत हो गई, जबकि मंडी के चाम्बी क्षेत्र के सुरजीत भी नौकरी के दौरान अस्वस्थ होकर दुनिया छोड़ गए। इनके परिवार में बहन और माँ बाप ही है, जो संघर्ष के लिए विवश है।
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| Surjeet Chambi wala |
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| सोहन सिंह गाँव बडसर |
इन सभी घटनाओं ने पूरे पैरा वर्कर वर्ग को झकझोर कर रख दिया है।
मोर्चा अध्यक्ष अमन ने कहा कि सरकार अन्य विभागों में वन मित्र जैसे पदों पर 10 हजार से अधिक मानदेय दे रही है, लेकिन पैरा वर्कर्स अब भी सौतेले व्यवहार का सामना कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से अपील की
उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से अपील की है कि वे इन कर्मियों की स्थिति को समझें और जल्द से जल्द एक स्थायी नीति बनाएं, ताकि यह वर्ग भी सम्मानजनक वेतन अर्जित कर सके। अमन ने कहा कि पांच सौ रुपये की हालिया बढ़ोतरी पर हर परिवार ने थोड़ी राहत तो जताई है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा हमारा संघर्ष केवल वेतन का नहीं, बल्कि सम्मान और अस्तित्व का है।
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